बरेली। पूर्वोत्तर रेलवे के इज्जतनगर मंडल पर महादेवी वर्मा की जयंती पर मंडल राजभाषा कार्यान्वयन समिति की बैठक आत्मनिर्भर भारत विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मंडल रेल प्रबंधक आशुतोष पन्त ने अपने संबोधन में कहा कि हमारे साहित्यकारों ने हिंदी भाषा को समर्थ बनाने और उसके प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। महापुरुषों और साहित्यकारों की जीवनी हमें जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है। महादेवी वर्मा जी को छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक माना गया है। वे आधुनिक हिन्दी की सबसे सशक्त कवयित्रियों में से एक है। आत्मनिर्भर भारत विषय पर अपने उदगार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि भारत की आत्मनिर्भरता अन्य देशों के उत्पादों का बहिष्कार करना व दुनिया से अलगाववादी रवैया रखना नहीं है। सरकार का ज़ोर इस बात पर है कि दक्षता में सुधार किया जाये तथा दुनिया के साथ प्रतिस्पर्धा करते हुए दुनिया की मदद की जाए। भारत द्वारा स्वदेशी कोविड-19 वैक्सीन का निर्माण और बड़ी मात्रा में उसका उत्पादन हमारी आत्मनिर्भरता का जीता-जागता उदाहारण है। भारतीय रेल भी इस अभियान में सक्रिय भूमिका निभा रही है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ता रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय के डॉ. आशुतोष प्रिय थे। उन्होंने अपने व्याख्यान में बताया कि आत्मनिर्भर भारत का मतलब है कि हम दूसरों पर अपनी निर्भरता ख़त्म कर दें और देश को इतना सक्षम बनाए कि देश किसी के आगे झुके नही। साथ ही तत्कालीन वरिष्ठ मंडल विद्युत इंजीनियर सुमित गर्ग को रेलवे बोर्ड की व्यक्तिगत नकद पुरस्कार योजना का ‘राजभाषा व्यक्तिगत पुरस्कार’ प्राप्त हुआ है। कार्यक्रम का संचालन करते हुए राजभाषा अधिकारी, इज्जतनगर प्रभाकर मिश्र ने मंडल पर हिंदी प्रयोग-प्रसार की समीक्षा की और महान साहित्यकार महादेवी वर्मा के व्यक्तित्व एवं कृतित्व की विस्तृत जानकारी दी। इस कार्यक्रम में अपर मंडल रेल प्रबंधक (परिचालन), अजय वार्ष्णेय, अपर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. बीएन चौधरी, नीतू, सनत जैन, अमित गोयल, अनूप कुमार सिंह, राजीव अग्रवाल सहित बड़ी संख्या में इज्जतनगर मंडल के शाखा अधिकारी सम्मिलित हुए।।
बरेली से कपिल यादव