मरहम पर नमक छिड़कना मुश्किल नहीं है सरहदों पर रेलगाड़ियों के लिए

बाड़मेर/राजस्थान- वर्ष 2014 से अब तक डेगाना रतनगढ़ सेक्शन में हावड़ा से बाड़मेर को छोड़ कर कोई नई रेलगाड़ी इन सात सालों में उत्तर पश्चिम रेलवे द्वारा चलाई गयी हो तो जानकारी उपलब्ध कराएं और कोई रेलगाड़ी इन सात सालों में नहीं चला पाए तो उसका कारण बताएं क्या यह उत्तर पश्चिम रेलवे की उपलब्धि मानी जाये या इसे आपकी नाकामी किस कारण डिवीज़न व जोन इन स्टेशनो की उपेक्षा कर रह रहे है इसके क्या कारण है बताया जाये– नई ट्रेनों में जो प्रमुख हमारी मांग है ,जोधपुर से गोरखपुर वाया डेगाना लाडनूं रतनगढ़ रेवाड़ी दिल्ली ,ब्रह्मपुत्र मेल का विस्तार जोधपुर तक वाया रेवाड़ी सादुलपुर रतनगढ़ लाडनूं डेगाना होकर ,जोधपुर से डिब्रूगढ़ नई ट्रैन वाया डेगाना लाडनूं रतनगढ़ रेवाड़ी दिल्ली ,ओखा जामनगर से श्रीगंगानगर नई ट्रैन वाया जोधपुर डेगाना लाडनूं रतनगढ़ सादुलपुर होकर ,जोधपुर से श्रीगंगानगर वाया जोधपुर डेगाना लाडनूं रतनगढ़ सादुलपुर होकर ,श्रीगंगानगर हिसार से बैंगलोर चेन्नई रामेश्वरम दक्षिण भारत के लिए ट्रैन वाया सादुलपुर रतनगढ़ लाडनूं डेगाना जोधपरु होकर ,बीकानेर रतनगढ़ लाडनूं डेगाना मरता रोड नागौर होकर बीकानेर सर्कुलर ट्रैन की मांग प्रमुख है ।

डेगाना से लेकर रतनगढ़ सेक्शन में छोटी खाटू डीडवाना लाडनूं सुजानगढ़ तालछापर पड़िहारा आदि सभी स्टेशन भवनों को मीटर गेज से ब्रॉड गेज में कन्वर्सन के समय इन स्टेशन भवनों की इमारतों को ऊँचा नहीं उठाया गया जिस कारण आज भी इन सभी स्टेशनो के भवन प्लेटफार्म की ऊंचाई से निचे है इस बारे में बहुत बार जागरूक लोगों द्वारा शिकायत व लिखित में ज्ञापन भी दिया गया लेकिन आज तक इस सम्बन्ध में न तो जोधपुर डिवीज़न ने व ना ही जोन ने इन भवनों को ऊपर उठाने हेतु कोई योजना बनायीं है किस कारण डिवीज़न व जोन इन स्टेशनो की उपेक्षा कर रह रहे है इसके क्या कारण है बताया जाये।

लाडनूं व डीडवाना स्टेशन पे पुनः पार्सल सेवा शुरू करने हेतु ZRUCC की 18 मीटिंग में गलत तथ्यों का हवाला दिया गया जबकि CMI AND TI की संयुक्त रिपोर्ट 11-9-2020 में उन्होंने लाडनूं व डीडवाना स्टेशनो पर पार्सल यातायात पुनः खोलने हेतु अनुशंसा की GM व CCM NWR क्या नहीं चाहते कि इन स्टेशनो से भी रेलवे कि गुड्स से आय में वृद्धि हो या वो यह चाहते है कि गुड्स कि रेवेन्यू प्राइवेट ट्रांसपोर्टर या कूरियर वालों को जाएँ क्योंकि जोधपुर डिवीज़न के कमर्शियल अधिकारी गलत तथ्यों यानि फुटफॉल का हवाला देकर इन दोनों जगह पर पार्सल बुकिंग खोलना नहीं चाहते है जबकि रेलवे के पार्सल सर्कुलर 2006 में कहीं भी फुटफॉल का उल्लेख नहीं है मेरी GM NWR से मांग है इस मामले को वो खुद देखें ।

GM NWR से हम निवेदन करना चाहतें है कि वो डेगाना जंक्शन लाडनूं रतनगढ़ सेक्शन के निरीक्षण का प्रोग्राम शीघ्र बनाये क्योंकि यह सेक्शन रेलवे के हर दृस्टि से पिछड़ा हुआ है ।

सुजानगढ़ रतनगढ़ डीडवाना छोटी खाटू स्टेशन, पर कोच गाइडेंस प्रणाली लगायी जाये इसके लिए बहुत बार जोन व डिवीज़न को लिखा जा चूका है अतः निधि कि प्राथमिकता को ध्यान में रख कर इन स्टेशनो पर इस कार्य कि परमिशन सम्बंधित विभाग शीघ्र देवें ।

डेगाना बाई पास की फिर अनुशंसा की जाये अभी जोधपुर डिवीज़न ने यह कहकर इसकी फाइल बंद कर दी कोई ट्रैफिक नहीं है पर जब रतनगढ़ सुजानगढ़ लाडनूं डीडवाना छोटी खाटू की तरफ से कोई ट्रैन डेगाना होकर जयपुर या अजमेर नहीं जाती तो यात्री भार या ट्रैफिक बायपास से कैसे होगा यह तो वही बात हो गयी किसी गली में कोई मेडिसिन की दुकान नहीं है तो वहां मेडिसिन किसे मिलेगी या बिकेगी उसी तरह रतनगढ़ साइड से कोई ट्रैन डेगाना होकर जयपुर या अजमेर के लिए नहीं चलेगी तो ट्रैफिक कैसे उपलब्ध होगी क्योंकि आज़ादी के 75 साल के बाद भी पड़िहारा तालछापर सुजानगढ़ लाडनूं डीडवाना छोटी खाटू खुनखुना व खाटू शहरों व स्टेशन से जयपुर व अजमेर की कोई सीधी ट्रैन सेवा उपलबध नहीं है इसके डेगाना में बायपास बनजाये तो यह सेवा बिना इंजन रिवर्सल के मिल जाएगी या फिर नोखा बीदासर सुजानगढ़ लाडनूं सालासर होकर सीकर तक नई रेल लाइन जल्द बने जिसका 2012 में सर्वे हो चूका है जिससे जयपुर का सीधा जुड़ाव हो सकेगा या फिर लाडनूं डीडवाना मोलासर होकर कुचामन तक नई रेल लाइन बने जिससे जयपुर अजमेर का सीधा जुड़ाव हो ।

लाडनूं स्टेशन पर अतिरिक्त निधि व सुगम्य भारत अभियान के तहत विकलांग व्यस्क लेडीज यात्रिओं हेतु लिफ्ट का प्रस्ताव बनाकर भिजवाया जाये इसके अलावा लिफ्ट के सर्कुलर के अनुसार जो शहर या स्टेशन धार्मिक या टूरिस्ट स्टेशन है वहां पर लिफ्ट लगायी जा सकती है ,इसके अलावा लिफ्ट सर्कुलर के अनुसार अगर उस स्टेशन के लोकसभा का सांसद मांग करता है तो भी लिफ्ट लगायी जा सकती है इस संदर्भ में लाडनूं की लोकसभा नागौर के सांसद हनुमान बेनीवाल ने रेलमंत्री उत्तर पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक जयपुर व डिविजनल रेल मैनेजर जोधपुर को पत्र लिख कर मांग की है अतः लिफ्ट सर्कुलर अनुसार उसके 2 से 3 बिंदु पुरे होते है और इन बिंदुओं के पुरे होने के बाद स्टेशन की केटेगरी व फुटफॉल कोई मायने नहीं रखता है अतः सम्बंधित अधिकारी इस मांग के प्रस्ताव बनाकर इसे शीघ्र स्वीकृति देवें ।

जोधपुर मडल के रेलवे स्टेशनों के दोनों प्लेटफार्म की लम्बाई छब्बीस कोच के अनुरूप नहीं है जिस कारण वर्त्तमान में दोनों प्लटफॉर्म पे दो या तीन कोच बाहर रहते है जिस कारण लेडीज बच्चों बुजर्गों को डिब्बों में चढ़ने में काफी परेशानी होती है और बहुत बार चढ़ने या उतरने के समय गिर जाने से चोट लगती है और लगने का डर हमेशा बना रहता है अतः दोनों प्लेटफार्म की लम्बाई वर्त्तमान लम्बाई से तुरंत बिना देरी के बढ़ाई जाये ।

– राजस्थान से राजूचारण

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