मधुकर भवन में नारद जयंती के दौरान पत्रकारों का हुआ सम्मान

*मान सम्मान और आदर सत्कार चाहिए तो जीवन में हमेशा अच्छे काम करें – राजू चारण

बाड़मेर/राजस्थान – हम सब जिंदगी में हमेशा सम्मानित जीवन जीना चाहते हैं, हम चाहते है की लोग हमारा प्यार से आदर सत्कार करे, हमें मान सम्मान दें। लेकिन जब ऐसा नहीं होता तो हम दुखी हो जाते हैं, यही सोचते हैं, उसमे संस्कार नहीं हैं। मान सम्मान हमेशा माँगा नहीं जाता, इसे जिंदगी में कमाना पड़ता हैं। कोई दिल से मान सम्मान करता हैं, कोई डर से और कोई लोगों में मान सम्मान का दिखावा करता है। आज बाड़मेर मुख्यालय पर आयोजित यह मान सम्मान हमारे लिए बहुत बड़ी बात है यह बात आज जर्नलिस्ट काउंसिल आफ इडिया की सलाहकार समिति के सदस्य वरिष्ठ पत्रकार राजू चारण ने कहा l

गाँधी जी ने कहाँ था, ‘जो बदलाव आप दुनिया में देखना चाहते हैं, पहले वो बदलाव खुद में लाइए’ अगर आपको सम्मान पाने की चाहत हैं, तो पहले स्वयं का और दूसरों का मान सम्मान करना सीखिए। जो व्यक्ति खुद से प्यार नहीं करता, अपने आप को ठीक से प्रस्तुत नहीं करता, अपनी साफ़ सफाई का ध्यान नहीं रखता, जो खुद अपनी इज्ज़त नहीं करता। आखिर वो कैसे औरो से इज्ज़त ,मान सम्मान और आदर भाव पाने की उम्मीद कैसे कर सकता है।

दूसरी बात, इज्ज़त भी उसी को मिलती है, जो दुसरो को हमेशा मान सम्मान और इज्ज़त देना जानता है। जो अपने साथ साथ दुसरो के व्यक्तित्व और विशेषताओं को समझता है। जो ये जानता हैं की हर इंसान एक दुसरे से अलग ज्ञान रखता है। एक व्यक्ति पूरे जीवन में, अपने काम के लिए सराहा जाना चाहता हैं, सम्मान पाना चाहता है। ये सम्मान उसे इतनी ख़ुशी देता है, जितना कही और से नहीं मिल सकता।

ये मान सम्मान तो हमारे घर परिवार से शुरू होता हैं, जहाँ माँ के बनाये खाने की तारीफ बच्चा दिल से करता हैं, माँ का सम्मान करता है, उसके प्यार मोहब्बत के लिए। एक पिता अपने बच्चों के अच्छे रिजल्ट पर उसे सम्मानित करता हैं, और रिजल्ट अच्छा न होने पर उसे प्रेरित करता है। मान सम्मान ऐसा होना चाहिए की सामने वालें को कभी बनावटी न लगे, मान सम्मान दिल से और सुधारने के भाव से होना चाहिए।

हमारे बुजुर्गों द्वारा हमेशा हमारे को एक बात सिखाया जाता है कि जो व्यक्ति दुसरो को मान सम्मान देना यानि खुद का सम्मान करना जानता है। मान सम्मान देना, आदर करना ये एक महान गुण है, ऐसा करके सबसे पहले अपने मन को ख़ुशी मिलती है। जैसे एक फूल बेचने वालें के हाथ में महक रह जाती है। ईश्वर की बनाई हर रचना, सराहनीय हैं उसका सम्मान किया जाना चाहिए।

अगर किसी की गल्तियों को सुधारना है तो पहले उसके अच्छे काम, उसके कोशिश की तारीफ होनी चाहिए, फिर उसके काम को और कैसे बेहतर बनाया जाए, ये बताया जाए। इस तरह से सामने वाले की भावना को ठेस नहीं लगता, वो सम्मान के साथ अपने काम को अच्छे से मन लगाकर पूरा करता हैं। वो जीवन भर आपका सम्मान करता हैं, क्योंकि आपने उसका सम्मान कर, उसे सबकी नज़रों में बड़ा बनाया। इसलिए, पहले सम्मान देना ज़रूरी है, मान सम्मान पाने के लिए।

कार्यक्रम के दौरान जिले के तीन दर्जन से अधिक पत्रकारों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। उसके पश्चात “वर्तमान समय में पत्रकार की भूमिका” विषय पर बोलते हुए धर्म सिंह भाटी ने कहा नारद जयंती के अवसर पर पत्रकारों को सम्मानित करने का बाड़मेर में यह प्रथम कार्यक्रम है, इस प्रकार के कार्यक्रम से पत्रकारों में एक नई ऊर्जा का संचार होता है । इसी विषय पर बोलते हुए दुर्ग सिंह राजपुरोहित ने पत्रकारों के समक्ष आने वाली चुनौतियों की चर्चा करते हुए कहा कि वर्तमान समय में टी आर पी बढ़ाने की दौड़ में पत्रकारों के समक्ष कड़ी चुनौती है। सोशल मीडिया के कारण समाचार जगत की सत्यता एवं विश्वास कड़े परीक्षण से गुजर रहे हैं। पत्रकारिता को टूल्स की तरह प्रयोग नहीं करना चाहिए। दिनेश बोहरा ने भी वर्तमान समय में पत्रकार की भूमिका विषय पर अपने विचार रखे।

मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए पंकज कुमार ने कहा कि नारद ब्रम्हांड के प्रथम पत्रकार थे तथा वे कोई भी संवाद समाज में कटुता उत्पन्न न करें इस बात का भी ध्यान रखते हुए करते थे। नारद सर्वदा ईश्वर का स्मरण करते हुए तीनों लोकों में सूचनाओं का आदान प्रदान करते थे। उनके इस कार्य में भी सकारात्मकता का भाव रहता था। वे देवर्षि कहलाते थे , लेकिन उनका कोई भी आश्रम नहीं था। वे सतत चलते रहते थे। संवाद करते समय कहां पर कटाक्ष करना है ,कहां मीठा बोलना है तथा कहां पर सिद्धांत की बात करनी है , इस बात का वह हमेशा ध्यान रखते थे । वे हमेशा धर्म की बात करते थे तथा किसी के पक्ष या विपक्ष की नहीं ।मुख्य वक्ता ने कहा कि आज के समय में सभी पत्रकारों को पत्रकारिता धर्म का पालन करते हुए सामाजिक समरसता एवं सद्भाव का भी ध्यान रखना चाहिए। पत्रकार के समक्ष घटना की सत्यता समाज के सामने निरपेक्ष भाव से रखने का उत्तरदायित्व है ।

बाड़मेर जिले के सीमांत क्षेत्र के पत्रकारों को विपरीत स्थितियों में भी कार्य करना पड़ता है। उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में पत्रकारिता के योगदान की चर्चा की। इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता सुरेंद्र मेहता बाड़मेर नगर संघ चालक, विजेंद्र कुमार, विभाग प्रचारक, तरुण कुमार, अधिवक्ता विष्णु चौधरी, गोरव खत्री, बाड़मेर जिला प्रचारक एवं नगर के प्रबुद्ध जन बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।कार्यक्रम के अंत में भागीरथ गोसाई विभाग प्रचार प्रमुख ने पधारे हुए समस्त पत्रकारों एवं प्रबुद्ध जन का धन्यवाद ज्ञापन किया।

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