मण्डलायुक्त एवं डीआईजी ने सगड़ी तहसील में आयोजित समाधान दिवस पर किया समस्याओं का निदान

आज़मगढ़- मण्डलायुक्त कनक त्रिपाठी एवं डीआईजी मनोज तिवारी ने मंगलवार को सगड़ी तहसील में आयोजित समाधान दिवस के अवसर पर आमजन से सीधे उनकी समस्याओं को सुना तथा उनसे प्राप्त प्रार्थना पत्रों को सम्बन्धित अधिकारियों को हस्तगत करते हुए समयबद्ध निस्तारण का निर्देश दिया। मण्डलायुक्त की अध्यक्षता में आयोजित सम्पूर्ण समाधान के अवसर पर सहायक निदेशक मत्स्य सीएचसी बिलरियागंज के मेडिकल आफिसर थानाध्यक्ष रौनापार एवं तहबरपुर सहायक विकास अधिकारी ;पंचायतद्ध हरैया तथा महराजगंज हरैया व अज़मतगढ़ के सहायक विकास अधिकारी,समाज कल्याण अधिकारी अनुपस्थित थे। इस पर मण्डलायुक्त ने सख्त नाराजगी व्यक्त करते हुए अनुपस्थित सभी अधिकारियों का एक दिन का वेतन काटने के साथ ही उनसे स्पष्टीकरण भी प्राप्त करने का निर्देश दिया। इसके अलावा गत सम्पूर्ण समाधान दिवसों में प्राप्त प्रार्थना पत्रों में से कुल 112 प्रार्थना पत्र अनिस्तारित पाये जाने पर भी मण्डलायुक्त ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि जन समस्याओं का निस्तारण शासन की शीर्ष प्राथमिकता से सम्बन्धित कार्यक्रम है। इसके बावजूद बड़ी संख्या में शिकायतें अनिस्तारित पाये जाने से स्पष्ट होता है कि सम्बन्धित अधिकारियों द्वारा इस ओर अपेक्षित ध्यान नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने उपजिलाधिकारी सगड़ी को निर्देशित किया कि जो भी पुराने प्रकरण निस्तारण हेतु अवशेष हैं उसमें सम्बन्धित की जिम्मेदारी तय करते हुए प्राथमिकता के आधार पर निस्तारित कराया जाय। सगड़ी तहसील में आयोजित सम्पूर्ण समाधान दिवस के अवसर पर जहाॅं मण्डलायुक्त ने राजस्वए विकासए खाद्य आदि विभागों के सम्बन्धित समस्याओं को सुना वहीं डीआईजी ने पुलिस से सम्बन्धित प्रकरणों को पूरी गंभीरता से सुना। समपूर्ण समाधान दिवस के अवसर पर कुल 114 प्रार्थना पत्र प्राप्त हुए जिसमें 87 राजस्व 12 पुलिस 7 विकास तथा 8 अन्य विभागों से सम्बन्धित थे जबकि मौके पर ही कतिपय प्रकरणों का निस्तारण भी किया गया।
मण्डलायुक्त कनक त्रिपाठी के समक्ष ग्राम तुर्कपड़री मदुआपार निवासी लौहर पुत्र मुन्नू ने अपना प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करते हुए बताया कि उसने अपनी आराजी के बॅंटवारे के सम्बन्ध में उपजिलाधिकारी के न्यायालय में वाद दायर किया था जिसमें उनके हक में फैसला भी आया परन्तु लेखपाल द्वारा फाट बनाने हेतु धन की मांग की जा रही है। पूर्व लेखपाल से भी कई बार उक्त आराजी का फाट बनाने का अनुरोध किया गया था परन्तु अभी तक फाट नहीं बनाया जा रहा है। इस पर मण्डलायुक्त ने गांव के वर्तमान लेखपाल को तलब किया। पूछताछ करने पर लेखपाल द्वारा सन्तोषजनक उत्तर नहीं दिया गया। मण्डलायुक्त ने इस सम्बन्ध में उपजिलाधिकारी सगड़ी को निर्देशित किया कि तत्काल परीक्षण कर दोषी लेखपालों को प्रतिकूल प्रविष्टि देते हुए दो दिन में अवगत कराया जाय। इसी प्रकार ग्राम चकजिन्दा के सुनील चौहान ने अपना प्रार्थना पत्र देते हुए अवगत कराया कि उनके पिता मूलचन्द अभी भी जीवित हैं परन्तु उनकी जमीन पर वर्ष 2009 में किसी और के नाम से गलत वरासत कर दी गयी है तथा 2015 में संज्ञानित होने के बाद से वह अपनी जमीन पाने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है परन्तु अभी तक इसका निस्तारण नहीं किया गया है। मण्डलायुक्त ने इस मामले को पूरी गंभीरता से लेते हुए उक्त आराजी का पूरा विवरण मंगाया जिससे स्पष्ट हुआ कि तत्कालीन लेखपाल द्वारा गलत खाते में वरासत कर दी गयी है। इस पर मण्डलायुक्त ने मौके पर ही गलत इन्द्राज को खारिज कराते हुए वास्तविक भूमिधर का नाम अंकित कराया। ग्राम हरखोरी निवासी ऊषा देवी ने भी वरासत के प्रकरण को काफी समय से लम्बित रखने की शिकायत की जिसपर दो दिन के अन्दर वरासत दर्ज कर अवगत कराने का निर्देश दिया गया।
डीआईजी मनोज तिवारी ने पुलिस विभाग से सम्बन्धित मामलों की सुनवाई करते हुए कई गावों में जमीन पर अवैध कब्जे की शिकायत को समयवद्ध रूप से निस्तारण करने हेतु सम्बन्धित थानाध्यक्ष को निर्देशित किया कि राजस्व विभाग एवं पुलिस की संयुक्त टीम बनाकर मौके पर जायें तथा अवैध कब्जे हटवाना सुनिश्चित करें। सम्पूर्ण समाधान दिवस के उपरान्त अधिकारीद्वय ने बाढ़ क्षेत्रों का भी दौरा किया तथा बाढ़ चैकियों पर तैनात अधिकारियों एवं कर्मचारियों को आवश्य दिशा निर्देश दिये। इस अवसर पर संयुक्त विकास आयुक्त पीएन वर्मा, मुख्य राजस्व अधिकारी हरी शंकर, उपजिलाधिकारी सगड़ी रावेन्द्र सिंह, तहसीलदार हेमन्त कुमार गुप्ता सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

रिपोर्टर:-राकेश वर्मा आजमगढ़

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