बरेली। नगर का प्राथमिक विद्यालय किराए के भवन मे संचालित हो रहा है, जबकि भवन जर्जर हो चुका है, जिससे छात्र-छात्राओं की जिंदगी पर हमेशा खतरा मंडराता रहता है। शिक्षा विभाग किस तरह से बच्चों तक शिक्षा पहुंचा रहा है ये किसी से छुपा नहीं है। जर्जर स्कूलों की हालत और टूटी हुई छत अपनी कहानी बया कर रहे हैं। शिक्षा बच्चों को मिल सके। इसके लिए कई साल पहले नगर निगम की कई किराये के भवन में प्राथमिक विद्यालय शुरू हुए। इसके लिए मकान मालिक को किराया भी मिलता था लेकिन समय के साथ महंगाई तो आसमान पर पहुंच गई लेकिन किराया अंग्रेजों के जमाने का चला आ रहा है। अंग्रेजो के जमाने का किराया कालीबड़ी स्थित लोधी राजपूत स्कूल को मिल रहा है। जोकि 35 रुपए प्रति माह किराये पर है। नगर निगम आज भी उस जगह का किराया 35 रूपये देता है। आज के जमाने मे 35 रूपये का कोई महत्व नही है। कई बार किराया बढ़ाने के लिए मकान मालिक मांग कर चुके है। लेकिन अभी तक शिक्षा विभाग ने किराऐ को नही बढ़ाया। आपको बता दें कि स्कूल को दूसरे विद्यालय में शिफ्ट करने के लिए कई बार मकान मालिक की ओर से शिक्षा विभाग को पत्र लिखा जा चुका है। ऐसा इसलिए क्योंकि स्कूल मे नए सिरे से निर्माण होना है। लेकिन स्कूल के नाम पर विभाग के कब्जे मे मकान है तो मकान मालिक भी भवन का निर्माण कार्य और मरम्मत कार्य भी नहीं कर पा रहे हैं। इसलिए कई बार शिक्षा विभाग को पत्र लिखकर स्कूल को दूसरे स्कूल में शिफ्ट करने के लिए मांग कर चुके है। लेकिन अभी तक प्रशासन ने स्कूल को दूसरे विद्यालय मे शिफ्ट नही किया है। स्कूल के नाम पर कोई भी बिजली का कनेक्शन तक नही है। यही कारण है कि स्कूल मे शिक्षकों के संग बच्चों को भी भीषण सड़ी गर्मी और ठिठुरती ठंड में ऐसे ही बैठना होता है। अभी तक विभाग की ओर से स्कूल के नाम बिजली का कनेक्शन नही मिला। भले ही गुजारा हो रहा हो मगर बिजली का मीटर तक नहीं लगा है।।
बरेली से कपिल यादव