बेसिक शिक्षा:देय का भुगतान न होने से परेशान प्रधानाध्यापक बीएसए कार्यालय में हुआ बेहोश

हरदोई- विकास खंड शाहाबाद के प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक बीएसए कार्यालय में डीआई कक्ष के सामने बेहोश होकर गिर पड़े। इससे कार्यालय में अफरा तफरी मच गई। एंबुलेंस बुलाकर शिक्षक को जिला अस्पताल भेजा गया। वह बीएसए कार्यालय अपने देयक न मिलने के कारण अधिकारियों से मिलने आए थे। बीएसए ने प्रकरण की जांच के लिए समिति गठित की है।

विकास खंड शाहाबाद के ग्राम उधरनपुर निवासी मुक्ता प्रसाद प्राथमिक विद्यालय पुरवा पिपरिया में प्रधानाध्यापक के रुप में तैनात है। वह बीएसए कार्यालय अपने देयकों के न मिलने पर उच्चाधिकारियों से मिलने आए थे। वह डीआई कार्यालय के पास खड़े थे कि अचानक चक्कर आने से गिर पड़े। कर्मचारियों ने उनको उठाने की कोशिश की लेकिन वह नहीं उठे। इस पर बीएसए ने सीएमओ को फोन कर एंबुलेंस बुलवाई और उनको इलाज के लिए जिला अस्पताल भेज दिया। प्रधानाध्यापक मुक्ता प्रसाद ने बताया कि खंड शिक्षा अधिकारी शाहाबाद मनोज बोस उनसे रंजिश मानते है। उन्होंने विद्यालय का निरीक्षण कर उनके खिलाफ गलत आख्या लगाकर 31 मार्च 2017 को तत्कालीन बीएसए से निलंबित करा दिया था । उसने बताया कि उसके स्पष्टीकरण के बाद आठ नवंबर 2017 को उनको बहाल कर दिया गया था। उसने आरोप लगाया कि बहाली के उपरांत उनका वेतन निर्गत नहीं किया और उनका एरियर भी वित्त विभाग में लंबित है। जिसको नहीं निकाला जा रहा है। उसने बताया कि खंड शिक्षा अधिकारी शाहाबाद ने उनके विद्यालय के मिड डे मील का खाता अपने चहेते शिक्षक के नाम कर दिया है जबकि वह मिड डे मील अपने पास से बनवा रहा है। जिसका उसको भुगतान नहीं किया जा रहा है। उसने आरोप लगाया कि खंड शिक्षा अधिकारी उसको प्रता‌ड़ित कर रहे है। इस संबंध में बीएसए हेमंत राव ने बताया कि शिक्षक का प्रकरण पूर्व से चल रहा है। अनियमितता के कारण शिक्षक को निलंबित किया गया था। वित्तीय अनियमितता के कारण उनको वेतन भुगतान नहीं हो रहा है। उन्होंने बताया कि उनके प्रकरण की जांच एक कमेटी कर रही है। वह ही शिक्षक की ओर से बीईओ पर लगाए गए आरोपों की जांच करेगी। जांच कमेटी की रिपोर्ट आने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

किसी भी समाचार से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है।समाचार का पूर्ण उत्तरदायित्व लेखक का ही होगा। विवाद की स्थिति में न्याय क्षेत्र बरेली होगा।