बरेली। महिला दिवस के अवसर पर पहली उड़ान दिल्ली के लिए रवाना होगी। फ्लाइट को हरी झंडी दिखाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बरेली आ रहे है। इसकी तैयारियां भी शुरू हो चुकी है। इसी बीच शनिवार को बीएसए कार्यालय से जारी हुआ एक पत्र चर्चा का विषय बन गया। इस पत्र को चार मार्च को जारी किया गया था लेकिन शनिवार को यह सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। पत्र में लिखी भाषा को पढ़ने से लग रहा है कि वह एक तुगलकी फरमान है। जिसमें शिक्षकों को जबरन सजावट के लिए बुलाया जा रहा है। हालांकि, जब इस पत्र की आलोचनाएं शुरू हुई तो बीएसए ने इसे निरस्त कर दिया। एयरपोर्ट से उड़ान से पहले बीएसए विनय कुमार ने चार मार्च को 15 शिक्षकों के लिए एक पत्र जारी किया था। इसमें लिखा था कि 8 मार्च को बरेली एयरपोर्ट का उद्घाटन होना है। इसलिए सभी शिक्षकों को आठ मार्च को सुबह चार बजे मंच की सजावट और रंगोली बनाने का लिए पहुंचना होगा। ये सभी कार्य मुख्यमंत्री के आने से पहले ही निपटाने होंगे। साथ ही यह भी लिखा है कि जो भी शिक्षक आदेश का पालन नहीं करेगाा वह क्षमा योग्य नहीं होगा। बीएसए की फजीहत तब हुई जब यह पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। वायरल पत्र ने लखनऊ से दिल्ली तक हलचल मचा दी। पत्र को बीएसए का तुलगकी फरमान बताकर इसे और तेजी से वायरल किया जाने लगा। विपक्ष ने इसे एक मुद्दा बनाकर उछालना शुरू कर दिया। हालांकि, बीएसए का कहना है कि पत्र गलती से जारी हुआ था जिसे निरस्त कर दिया गया है।।
बरेली से कपिल यादव