बीएचयू के नए कुलपति ने संभाला चार्ज! बोले ले जाऊंगा सफलता की नई ऊंचाइयों पर

वाराणसी। काशी हिंदू विश्वविद्यालय के नए कुलपति राकेश भटनागर ने बुधवार को काशी के दवालायो में मत्था टेकने के बाद कार्य-भार सम्भाला। दर्शन-पूजन करने के बाद कुलपति बीएचयू परिसर पहुँचे और परम्परा का निर्वहन करते हुए नए विश्वनाथ मंदिर में अभिषेक पूजन किया। उन्होंने परिसर में रुद्राक्ष का पौधा लगाया। उसके बाद मालवीय भवन पहुँचे और महामना के प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उनको नमन किया। उनका आशीर्वाद लेकर नए वीसी ने अपना चार्ज संभाल लिया। पद ग्रहण करने के बाद वह केंद्रीय कार्यालय समिति कक्ष में खबरनवीसों से रूबरू हुए।

मिडीया पर्सनस् से बात चीत के दौरान नए वीसी ने कहा कि हम सब को मिलकर महामना के इस नींव को सफलता की नई ऊंचाइयों पर ले जाना है। इसमें हमारे छात्रों, संकाय सदस्यों और गैर शिक्षण कर्मचारियों का सहयोग बेहद आवश्यक है। हम सभी मिलकर इस विश्वविद्यालय को और आगे तक लेकर जाएंगे।

स्टूडेंट्स के संपर्क में सीधे रहूंगा

बातचीत में नवनियुक्त वीसी ने कहा कि विश्वविद्यालय एक परिवार जैसा है। मैंने यह निर्णय लिया है कि मैं सभी छात्र-छात्राओं के सीधे संपर्क में रहूंगा। मैं प्रत्येक दिन एक समय निर्धारण करूँगा उस समय पर विद्यार्थी आकर मुझसे मीलें और अपनी समस्याएं, बाते रखें। मैं सभी की बातों को सुनूंगा और हर समस्या का जल्द से जल्द निस्तारिकरण करूँगा। मैं यह सदैव चाहूंगा कि परिसर में हमशा शांति बनी रही है। कहीं किसी प्रकार का विवाद न हो इस पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

बीत चुके पर क्या चर्चा करना

पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा कि पूर्व में कालेज परिसर में जो घटनायें हुईं हैं मैं उसकी पूर्ण रूप से निंदा करता हूं। छात्रों के साथ गलत व्यवहार निंदनीय था। खैर जो हुआ उन बातों को भूलकर अब एक नए सिरे से कार्य की शुरुआत करनी है। मैं बीती बातों पर कोई चर्चा नही करूँगा।

24 घण्टे फिर शुरू होगा पुस्तकालय

कुलपति कम समय तक चल रहे लाइब्रेरी पर बोले कि मैं जल्द ही इस पर सम्बंधित अधिकारियों से बात करूंगा। जो भी समस्या है इस बाबत उसको जल्द दुरुस्त करवाऊंगा। जल्द से जल्द फिर से 24 घण्टे के लिए विद्यार्थियों की सुविधा के लिए पुस्तकलाय खुलेगा। बताते चलें कि मौजूदा समय मे लाइब्रेरी सुबह 10 बजे से रात्रि 8 बजे तक खुली रहती है।

सलाह को क्रियान्वित करने की बुद्धि भी होनी चाहिए

सलाहकारों की बाढ़ के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि सलाहकार बुरे नहीं, उनकी सलाह बुरी नहीं, सलाहकार की सलाह को क्रियान्वित करने की बुद्धि भी होनी चाहिए। फिर भी देखा जाएगा कि कहां सलाहकार की जरूरत है और कहां नहीं, जहां जरूरत होगी वहीं सलाहकार रहेंगे। छात्रसंघ के मुद्दे पर कहा कि यूनियन होना किसी समस्या का हल नहीं, अगर ऐसा होता तो जेएनयू में कोई समस्या न होती।

उन्होंने कहा विज्ञान की पढ़ाई को दुरुस्त करने की कोशिश करेंगे। वह चाहेंगे कि छात्रों का रुझान प्योर साइंस की ओर बढ़े। इसके लिए मेरे दिमाग में प्लान है और उस पर यहां के वैज्ञानिकों के साथ विचार विमर्श कर उसे लागू किया जाएगा।

रिपोर्ट : महेश कुमार राय वाराणसी सिटी

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