उत्तराखंड/सतपुली – यूँ तो पहाड़ो में सारे नियम कानूनों को ताक में रख कर होते हैं कार्य , खनन हो , सड़क डामरीकरण हो या कोई भी अन्य कार्य सभी जगह जमकर नियमो की ध्वजियां उड़ाई जाती है।
आज हम आपको सिंचाई विभाग द्वारा सतपुली नयार नदी पर बनाई जा रही सुरक्षा दीवार के बारे में बता रहे हैं इस निर्माण कार्य में भी जमकर नियमो की धज्जियाँ उड़ाई जा रही है और सरकार को राजस्व का खूब चूना लगाया जा रहा है ये मामला प्रशासन के पास भी गया है लेकिन फिर भी ढाक के तीन पात।
अब बताते है पूरी कहानी कि किस तरह से यहां पर राजस्व का चूना लगाया गया है व लगया जा रहा है
विगत 3 मार्च को उपजिलाधिकारी सतपुली संदीप कुमार के कार्यस्थल पर औचक निरीक्षण के बाद भी कार्यदायी संस्था व सिंचाई विभाग पर नही हुई कोई कार्यवाही।
सतपुली उपजिलाधिकारी संदीप कुमार ने एक शिकायत कर्ता की शिकायत पर सिंचाई विभाग द्वारा सतपुली नयार नदी पर सुरक्षा दीवार के नाम पर अवैध खनन व बिना परमिशन के पोकलैंड व जेसीबी जैसी मशीनों के उपयोग से सम्बंधित थी जिस पर उपजिलाधिकारी संदीप कुमार ने तत्काल प्रभाव से कार्य को बन्द करवा दिया था।अब इसमे कुछ प्रश्न मौके पर उठे उनसे हम आपको रूबरू करवा रहे हैं कि किस प्रकार से सिंचाई विभाग व कार्यदायी संस्था ने सरकार को चूना लगाया है।
जब मौके पर खनन विभाग से बहुगुणा जी आये तो उन्होंने टैक्स के 5000 हजार जमा न होने की बात कही ।लगभग डेड माह पूर्व से ये कार्य चल रहा था लेकिन कार्यदायी संस्था के पास बड़ी मशीनें लगाने की परमिशन नही थी , न ही आसपास 1 किलोमीटर से पत्थर व बजरी लाने की अनुमति थी।
उपजिलाधिकारी के औचक निरीक्षण के बाद यदि उक्त संस्था परमिशन लाती भी है तो जो पहले इन्होंने खनन किया उस पर प्रशासन द्वारा क्या कार्यवाही होगी या फिर सरकार को लाखों के राजस्व का चूना बिना कत्था के लगेगा।
अब सवाल ये खड़ा होता है कि क्या सिंचाई विभाग व पावरफुल कार्यदायी संस्था किसी भी कार्य में अपनी मनमानी कर सकती है।
तीन दिन कार्य बन्द होने के बाद फिर से पोकलैंड जेसीबी का उपयोग बिना परमिशन के शुरू हो गया है अब आप ही बताये कि आखिर किसकी शह पर सिंचाई विभाग व कार्यदायी संस्था नियमो को ताक में रखकर कार्य कर रही है।
उपजिलाधिकारी सतपुली की जांच रिपोट आ गई है कार्यदायी संस्था के पास अभी भी जेसीबी पोकलैंड की कोई परमिशन नही है यदि कार्यदायी संस्था मशीनों से चुगान करती है तो उस पर कार्यवाही होगी।
-डॉक्टर शिव कुमार बर्नवाल अपर जिलाधिकारी पौड़ी
– पौड़ी से इन्द्रजीत सिंह असवाल