रिखणीखाल/उत्तराखंड- कहते हैं कि जोड़ियां ईश्वर द्वारा पूर्व निर्धारित होती हैं मनुष्य को तो केवल कर्म के लिए धरती पर भेजा गया है। चौबीस वर्षीय अखिलेश ने अपने युवावस्था के प्रथम चरण तक सोचा भी न होगा कि उसे ऐसी दुल्हन मिलेगी। प्रारंभिक शिक्षा गांव की पाठशाला से पूर्ण करने वाले मैंदणी रिखणीखाल निवासी अखिलेश पांच बहनों में सबसे छोटे हैं,पिता गिंदो सिंह बिष्ट ११गढ़वाल राइफल्स रेजीमेंट से सूबेदार सेवानिवृत्त हैं तो माता गृहिणी है।जन्म के बाद शारीरिक वृद्धि का विकास न हो पाना सबको सालता रहा। लेकिन रिश्तेदारों व पिता की आशाओं ने उसके जीवन में खुशियों का रंग भर दिया। अखिलेश के पिता का कहना है कि लड़की की खोज की गई तो उन्होंने गजरजाल निवासी प्रफुल्ल चौधरी की पुत्री बीस वर्षीय किरन ने हामी भरी। आजकल की शादियों में मदिरा व मीट परोसने का कुप्रचलन है इस सबसे दूर भगवान भोलेनाथ को साक्षी मानकर व दोनों पक्षों के नाते रिश्तेदार शामिल हुए।बारात धाम में पहुंची तो बारातियों का उत्साह जैसे देखते ही बन रहा हो । तत्पश्चात वैदिक मंत्रोच्चार के साथ दुल्हन के पिता ने पुत्री का हाथ दूल्हे को सौंपा ।बाबा की धूनी अग्नि मंडप के फेरे लिए गये ।वर -वधू को सबने आशीर्वाद दिया। सामाजिक कार्यकर्ता सादर सिंह नेगी का कहना है कि यह क्षेत्र में पहली अद्भुत जोड़ी की शादी है ।आस्था और विश्वास को बाबा के दरबार में जहां राह मिली है वहीं सामान्य लोगों के लिए भी यह प्रेरणादायक उदाहरण है।