बरेली- उत्तर प्रदेश के बलिया जिले मे जिला प्रशासन द्वारा माध्यमिक शिक्षा परिषद की परीक्षा में पेपर लीक होने की घटना पर पत्रकारों को ही दोषी साबित कर जेल भेज देना लोकतंत्र की हत्या है।इस प्रकरण में बलिया से अमर उजाला के पत्रकार अजित कुमार ओझा ,दिग्विजय सिंह व राष्ट्रीय सहारा के मनोज गुप्ता को जेल भेज दिया गया।भ्रष्टाचार व्यवस्था को अगर कोई समाज का प्रहरी उजागर करने की हिम्मत जुटा पाता है तो जिलाप्रशासन उसे प्रोत्साहित करने के बजाय उसे ही जेल में डाल दे यह सर्वथा निन्दनीय कृत्य है।
पत्रकारों के साथ हुई साथ घटना का बरेली के पत्रकारों ने शहीद स्मारक डीडीपुरम चौराहे पर एक कैंडल मार्च निकालकर अपना विरोध दर्ज कराया और प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से अविलंब पत्रकारों की रिहाई की मांग की।इसी के साथ प्रदेश मे पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने की मांग की।इस अवसर पर जिला अध्यक्ष श्री सत्यम शर्मा जी, अनुराग सक्सेना जी, शशांक राठौड़, गुरुवचन, पुरषोतम सैनी, प्रयदर्शी विशाल शर्मा, रहीश खां, अजित प्रताप चौहान, नितिन मिश्रा आदि पत्रकार मौजूद रहे ।।
बलिया के पत्रकारों को जेल भेजने के विरोध में बरेली के पत्रकारों ने निकाला कैंडल मार्च
