उत्तराखंड – 1 मार्च 2020 को बंजर खेतों को आबाद कर कृषि बागवानी के एक केंद्र की स्थापना होने जा रही है जिसका नाम उम्मीद समन्वित कृषि बागवानी केंद्र रखा गया है। यह केंद्र जहां पर बन रहा है वह एक घाटी है जिसके आस पास कई किलोमीटर तक बंजर ही बंजर खेत हैं। यह केंद्र भी बंजर खेतों को आबाद करके बनाया गया है। पिछले तीन सालों से इन खेतों में उत्पादन की बड़ी कोशिशें हुई पर हर बार हमारी मेहनत को जंगली जानवर और दो पैरों वाले जानवर बर्बाद कर देते थे। बहुत नुकसान उठाया, बहुत मेहनत की लेकिन हिम्मत नही हारी, उम्मीद नही टूटी।
हर बार के नुकसान, उम्मीदों को मजबूत बनाते रहे और उम्मीदें इतनी प्रबल हुई कि अब केन्द्र का नाम ही उम्मीद समन्वित कृषि बागवानी केंद्र रख दिया।
यह केंद्र किसानों और हमारे कृषि स्नातकों के लिए एक प्रयोगशाला के रूप में भी धीरे धीरे विकसित होगा ।
चूंकि एक मार्च को चकबन्दी दिवस भी है इसलिए इस चकनुमा केंद्र से चकबन्दी की आवाज को बुलन्दी देने वाले चकबन्दी के प्रणेता गणेश सिंह गरीब और महान कृषि पंडित डॉ विद्यादत्त शर्मा जिनकी फ़िल्म मोतीबाग ऑस्कर के लिए चयनित हुई थी, वो हमारे साथ हैं। साथ ही साथ अनेक किसान, कृषि विभाग, उद्यान विभाग, भरसार विश्वविद्यालय के डीन और उनकी टीम, कई गणमान्य लोग आदि इस अवसर पर शामिल होकर बंजर खेत आबाद करने की आवाज उठाएंगे।
– इन्द्र जीत सिंह असवाल की रिपोर्ट