प्रशासन की तैयारियां व गांवों में सियासत तेज, अप्रैल तक चुनाव होने की संभावना

बरेली। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव तीस अप्रैल तक कराने के हाईकोर्ट के आदेश के बाद प्रशासन ने जहां तैयारियों पूर्ण करनी शुरू कर दी है। वहीं गांव की सियासत भी चरम पर पहुंचने लगी है। इस बार पार्टी का सिम्बल भले ही न हो लेकिन क्षेत्र के पार्टी के नेता अपने अपने समर्थित प्रत्याशियों से हर दिन गांव में पहुंचकर और फोन पर संपर्क करके घर घर प्रचार प्रसार करने के लिए जागरूक करते देखे जा रहे है। शासन के निर्देश के बाद प्रशासन ने पंचायत चुनाव की तैयारियां तेज कर दी हैं। प्रशासन के माध्यम से मतदाता सूची से लेकर परिसीमन का कार्य खत्म हो चुका है। वही, गांव में हर दिन बैठकों का दौरान शुरू हो गया है। सत्ताधारी पार्टी के नेता और सपा नेता अपने अपने समर्थित प्रत्याशियोंं से मोबाइल व्हाटंसएप्प के जरिए व गांव में पहुंचकर प्रत्याशियोंं की स्थिति मजबूत करने के लिए जुट गए है। करेली के कई गांव में गत दिनों प्रधान के घर पर बैठके करके गांव वालों को वोट से वोट की मांग की जा रही है। इस बार चक्रानुक्रम आरक्षण लागू होने के चलते कुछ प्रत्याशियों को इस बात का भी भय है कि इस बार आरक्षण मे गांव की प्रधानी हाथ से न चली जाए। जिस कारण दो दो गांव मेंं जाकर स्थिति मजबूत करने में लगे हुए है। जिससे कि एक गांव में आरक्षित सीट होने पर दूसरे गांव से स्थिति मजबूत करके चुनावी रण में ताल ठोंक सकते है।
पुरानी रंजिश वालों की लिस्ट तैयार कर रही है खाकी
पंचायत चुनाव को शांति पूर्वक कराने के लिए पुलिस हर मुमकिन कदम उठा रही है। खुराफात करने वाले और पेशेवर अपराधियों के साथ-साथ खाकी ऐसे लोगों की लिस्ट तैयार कर रही है, जिनकी गांव में पुरानी रंजिश चली आ रहीं है। ऐसे लोगों को पुलिस थाने बुलाकर चेतावनी दे रही है। ताकि पुरानी रंजिश को लेकर कोई भी घटना या खुराफात की गई तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि अप्रैल में पंचायत चुनाव होना है। जिसको लेकर पुलिस-प्रशासन अपनी-अपनी तैयारियों में जुट गया है। लेकिन बिना विवाद और खुराफात के चुनाव कराना पुलिस के लिए कड़ी चुनौती है। जिसको लेकर पुलिस सभी तैयारियां कर रही है। पुलिस गांव में रहने वाले अपराधी और पेशेवर लोगों पर तो नजर रख ही रही है। इसके साथ ही खाकी गांव केऐसे लोगों को भी सूची बना रही है, जिनकी गांव में ही एक दूसरे में पारिवारिक रंजिश चली आ रही है। ये लोग चुनाव लडने और चुनावी की आड़ में अपनी-अपनी रंजिश को पूरा करने की फिराक में लगे रहते है। अपनी दुश्मनी पूरी करने के लिए ऐसे लोग गांव में अफवाह भी फैलाते हैं। इसी को रोकने के लिए ऐसे लोगों को चिन्हित कर पुलिस थाने बुला रही है। थाने में उन्हें चुनाव के दौरान पुलिस का शांति व्यावस्था बनाए रखने में सहयोग मांगने के साथ ही उन्हे चेतावनी दी जा रही है कि इसके बाद भी उन्होंने अगर क्षेत्र में किसी तरह की खुराफात की या फिर किसी अफवाह को फैलाया तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। चुनाव में होने वाली घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस लगातार अपना मुखबिर तंत्र भी मजबूत कर रही है। पुलिस चुनाव में अपनी-अपनी किस्मत अजमाने वाले प्रत्याशियों से भी संपर्क साधकर सहयोग मांग रही है। प्रत्याशियों को सीमित संख्या में समर्थकों के साथ शांति पूर्वक प्रचार करने के निर्देश दिए जा रहे है।
जिले की सभी तहसीलों मे मांगे जा रहे दावे आपत्तियां
प्रशासन त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारियों में जुट गया है। 22 जनवरी को मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन भी जारी हो गया है। वर्ष 2015 के चुनाव की अपेक्षा इस बार 11 फीसदी से अधिक वोटरों की संख्या मेंं इजाफा हुआ है। डीएम नितीश कुमार के निर्देश के बाद अब तहसील स्तर पर मतदाता सूची के अंतिम प्रशासन के बाद दावे आपत्ति मांगी जा रही है। मीरगंज, नवाबगंज और फरीदपुर में बड़ी संख्या में आपत्तियां मिल रही हैं। समस्त तहसीलोंं मेंं दावे आपत्तियां आने के बाद ही निस्तारण किया जा सकेगा। हाईकोर्ट के आदेशानुसार शासन के निर्देश पर प्रशासनिक अमला भी पंचायत चुनाव की तैयारियों में जुट गया है। निर्वाचन कार्यालय में मतपेटियों के रखरखाव से लेकर होने वाली खामियों को दुरूस्त किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि तहसील स्तर पर दावे आपत्तियां आती हैं तो उनको दुरूस्त किया जाएगा। डीएम के निर्देश पर सभी तहसीलों में आपत्तियां ली जा रही है।
गांवों के चौकीदारों पर भी है जिम्मेदारी
पंचायत चुनाव में खुराफातियों से निपटने के लिए पुलिस मुखबिरों को तैयार कर रही है। इन मुखबिरों में गांव के चौकीदार भी शामिल रहेंगे। गांवों में दिनों रात चुनाव की सरगर्मी बढ़ रही है। हर घटना पंचायत चुनाव से जोड़कर बताई जा रही है। चुनाव के दौरान पल भर में अफवाहों का दौर गर्म हो जाता है। जिस वजह से कई बार गांवों में बड़ी घटनाएं तक हो जाती हैं। चुनाव शांति पूर्ण हो सकें इसलिए पुलिस अपना मुखबिर तंत्र लगातार मजबूत कर रही है। पंचायत चुनाव को लेकर लगभग सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। चुनाव को लेकर सूची का प्रसारण और परिसीमन हो चुका है। आरक्षरण के बाद चुनाव आयोग की ओर से 18 मार्च को अधिसूचना जारी होने की संभावना है। जिसके बाद पूरी तरह से चुनावी बिगुल बज जाएगा। शासन और प्रशासन के साथ ही पुलिस भी चुनाव की तैयारियां पूरी करने में जुटी है। चुनावी महौल में छोटी से छोटी घटना को चुनावी रंग देकर माहौल खराब करने की कोशिश खुराफाती करते रहते है। इसके साथ अफवाहों का बाजार गर्म रहता है। खुराफाती और बवाली छोटी से छोटी घटना में खुराफात कर उसे तूल देने की कोशिश से बाज नहीं आते हैं। यही वजह है कि पुलिस ने ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए लिए और छोटे से छोटे विवाद की सटीक और समय से सूचना मिल सके, इसके लिए अपने मुखबिर तंत्र को मजबूत करने की कोशिश में जुटी हुई है। यही वजह है कि गांव के चौकीदारों को भी इसके लिए तैयार किया जा रहा है। चौकीदारों को बताया गया है कि वह गांव में होने वाली हर घटना पर नजर रखें और खुराफातियों द्वारा फैलाई जा रहीं अफवाहों के बारे में भी पुलिस को सटीक सूचना देने को कहा गया है।
सी प्लान एप्प भी साबित होगा मददगार
पुलिस सी-प्लान एप को पंचायत चुनाव में अपना हथियार बनाने की तैयारी कर रही है। एप में गांव-कस्बा स्तर तक पुलिस की ओर से दस-दस लोगों की सूची बनाई जा रही है। एप में नाम के साथ उनके मोबाइल नंबर भी हैं। गांव या कस्बे में कोई घटना हुई है या फिर सही सच को जानने के लिए एप के जरिए पुलिस सीधे एप से जोड़े गए लोगों से फोन लगाकर या मैसेज से पता कर सकेगी। इससे पुलिस को काफी सहूलियत होगी। एप डीजीपी कंट्रोल रूम के साथ डायल 112 से भी जुड़ा है।।

बरेली से कपिल यादव

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