प्रदेश सरकार जनता पर एक बोझ-सुशील

*लूट-खसोट,घूसखोरी के खिलाफ भाकपा (माले) का प्रखंड कार्यालय पर धरना-प्रदर्शन

बिथान/समस्तीपुर -भाकपा (माले)प्रखंड इकाई बिथान के तत्वावधान में शौचालय निर्माण,सुखा अनुदान, इंदिरा आवास में घूसखोरी बंद करने तथा प्रखंड कार्यालय को बिचौलियों से मुक्त करने, राशन किरासन में धांधली बंद करने, किसानों का कर्जा माफ करने, किसानों को पटवन में मुफ्त बिजली देने,पर्चाधारी मरथुआ के दलितों को कब्जा दिलाने, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिथान से सुदामापुर तक सड़क बनाने, सभी सरकारी व सीलिंग-भूदान तथा ईडी द्वारा जब्त जमीन को गरीबों में बांटने सहित माले के जिला नेताओं पर से मुकदमा वापस लेने सहित 16 सूत्री मांगों को लेकर प्रखंड सह अंचल कार्यालय बिथान पर धरना- प्रदर्शन का आयोजन किया गया। धरना स्थल पर आयोजित सभा की अध्यक्षता जगदेव प्रसाद यादव ने की।
धरना सभा को संबोधित करते हुए भाकपा(माले)प्रखंड सचिव सुशील कुमार ने नीतीश- मोदी सरकार को दलित,गरीब तथा किसान विरोधी बताया तथा जनता से धोखाधड़ी करने का इल्जाम लगाया। मोदी सरकार संविधान को पलटना चाहती है लेकिन लाल झंडा के रहते उनका यह मंसूबा कभी पूरा नहीं होगा।उन्होंने कथित सुशासन की सरकार पर हल्ला बोलते हुए कहा लूट-भ्रष्टाचार को बढावा देने वाली यह सरकार प्रदेश की जनता पर एक बोझ है।पूरे प्रदेश में भ्रष्टाचारियों को खुली छूट है तथा जनांदोलन करने वाले माले नेताओं पर इसकी शह पर मुकदमा किया जा रहा है।इस सरकार के खिलाफ अब जनांदोलन ही एकमात्र उपाय है।उन्होंने स्थानीय प्रशासन को आडे़ हाथों लेते हुए कहा सूचना के बाबजूद बीडीओ/सीओ साहब उपस्थित नहीं थे।इससे साफ पता चलता है कि समस्या के प्रति ये संवेदनशील नहीं हैं।बाद में मांगों से संबंधित स्मार पत्र प्रखंड कार्यालय के सहायक को सौंपा गया।सभा को सुमन देवी, राजेंद्र प्रसाद सिन्हा, इंद्रदेव भारती, बसंत पासवान, महेंद्र मुखिया, कैलू पासवान ,दामोदर सदा, ललिता देवी, दुलिया देवी, माया देवी, रामदेव राम, रामचंद्र राम, चंदन सदा आदि कार्यकर्ताओं ने संबोधित किया।कार्यक्रम में बडी़ संख्या में पार्टी कार्यकर्ताओं ने अपनी उपस्थिति दर्ज की।

आशुतोष कुमार सिंह, ब्यूरो चीफ, समस्तीपुर

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

किसी भी समाचार से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है।समाचार का पूर्ण उत्तरदायित्व लेखक का ही होगा। विवाद की स्थिति में न्याय क्षेत्र बरेली होगा।