पूर्वोउत्तर रेलवे इज्जतनगर में भव्य कवि सम्मेलन का किया गया आयोजन

बरेली -पूर्वोउत्तर रेलवे के इज्जतनगर मंडल पर आयोजित ’राजभाषा पखवाड़ा समारोह-के अंतर्गत राजभाषा विभाग के तत्वावधान में, इज्जतनगर में भव्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इसका शुभारंभ मंडल रेल प्रबंधक श्री दिनेश कुमार सिंह एवं अध्यक्ष, पूर्वोत्तर रेलवे महिला कल्याण समिति, इज्जतनगर श्रीमती हेमलता सिंह ने माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन कर किया। कार्यक्रम के संयोजक अपर मंडल रेल प्रबंधक (परिचालन) एवं अपर मुख्य राजभाषा अधिकारी श्री अजय वाष्र्णेय ने मुख्य अतिथि, कवियों और श्रोताओं का स्वागत किया।
कवि सम्मेलन का शुभारम्भ नई दिल्ली से आई मशहूर कवयित्री शीतल गोयल द्वारा प्रस्तुत सरस्वती वंदना से हुआ।
कवि सम्मेलन की अध्यक्षता बदायूँ से आये वरिष्ठ शायर हसीब सोज़ ने की । सीधी सरल हिन्दुस्तानी जुबान में कहे गए अपने शेरों पर उन्होंने श्रोताओं की तालियाँ खूब बटोरीं –
यहाँ मज़बूत से मज़बूत लोहा टूट जाता है।
कई झूठे इकट्ठे हों तो सच्चा टूट जाता है।।
हिंदी-उर्दू शायरी की उभरती हुई हस्ती और इज्जतनगर मंडल के वरिष्ठ मंडल कार्मिक अधिकारी मनोज कुमार ने अपनी गज़ल में राजनीति को आइना दिखाते हुए यह शेर भी पढ़ा –
सियासतदान की चालों का खं़जर कौन समझेगा।
ये चीलें है भला इनको कबूतर कौन समझेगा।।
कवि सम्मेलन का संचालन करते हुए बरेली के युवाहस्ताक्षर कवि डा. रंजन विशद ने तंज कसते हुए कहा –
नज़र के सामने रहने की आरजू आये,
खुद अपने वादे निभाने की जुस्तजू आये।
न होगा कुछ भी खुद पे इत्र छिड़कने से ’विशद’,
करो वो काम कि किरदार से खुशबू आये।।
नई दिल्ली की कवयित्री शीतल गोयल ने गीत और गज़ल सुनाकर श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया-
किसको न ज़िन्दगी में किरदार चाहिए,
नफ़रत के इस जहान में बस प्यार चाहिए।
सबका मिले यहाँ सुर फिर नेक रंग में,
ऐसे मिले यँू पावन संस्कार चाहिए।।
गाजियाबाद से आये कवि सुरेन्द्र शर्मा ने अपनी कई विषयों पर रचनाएँ पढ़ीं। भक्तिरस रचना सुनाते हुए उन्होंने कहा –
मेरे कान्हा से सुन्दर और कोई लग नहीं सकता।
मगर है शर्त बस इतनी नज़र राधा सी होनी चाहिए।।
फर्रुखाबाद के जाने माने कवि राजेश हजेला ने इन शब्दों में हिंदी के प्रति प्रेम का इज़हार किया –
राष्ट्र हित परिकल्पना व्यवहार है हिंदी।
मात्र भूमि का समूचा प्यार है हिंदी।
काशीपुर से आये ओज के जाने माने कवि अनिल सारस्वत ने राष्ट्रवादी रचनायें सुनाकर श्रोताओं में राष्ट्रभक्ति की धारा बहा दी –
मैने राम नहीं देखे न श्याम को मैने देखा है।
मैने सेना देखी है और प्यारा सैनिक देखा है।।
इसी क्रम में राजभाषा अधिकारी प्रभाकर मिश्र ने कश्मीर में सुरक्षा बलों की सफलता को रेखांकित करते हुए कहा –
कह ‘सईद’ कैसे चले, आतंकी व्यवहार।
जितने हम पैदा करें, भारत देता मार।
हास्य-व्यंग्य के जाने माने कवि पी.के. दीवाना की रचना भी खूब सराही गई –
हिंदी मीडियम में पढ़कर भले ही तू,
स्नातक परास्नातक हो जाएगा।
किन्तु काॅन्वेंट एजुकेटेड के सामने,
अनपढ़, जाहिल और गंवार ही कहलाएगा।।कवि सम्मेलन के समापन पर अपने अध्यक्षीय संबोधन में मंडल रेल प्रबंधक श्री दिनेश कुमार सिंह ने कवियों द्वारा प्रस्तुत कविताओं की मुक्तकंठ से प्रशंसा की।
कार्यक्रम के प्रारम्भ में अपर मंडल रेल प्रबंधक (परिचालन) एवं अपर मुख्य राजभाषा अधिकारी श्री अजय वाष्र्णेय ने कवियों एवं श्रोताओं का स्वागत करते हुए राजभाषा पखवाड़ा के दौरान मंडल पर हुए विभिन आयोजनों का विवरण प्रस्तुत किया और कवि सम्मेलन में उपस्थित कवियों का परिचय कराया।कार्यक्रम का संचालन राजभाषा अधिकारी प्रभाकर मिश्र तथा धन्यवाद ज्ञापन वरिष्ठ मंडल संरक्षा अधिकारी श्री सी.एल. साह ने ने किया।
इस अवसर पर अपर मंडल रेल प्रबंधक (इन्फ्रा) श्री आशीष अग्रवाल और मुख्य चिकित्सा अधीक्षक श्री अरुण खुन्नू सहित बढ़ी संख्या में अधिकारी, कर्मचारी तथा उनके परिवार के सदस्य उपस्थित रहे।

– बरेली से सौरभ पाठक की रिपोर्ट

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