पूर्णिया/बिहार- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा पूरे देश मे डिजिटल इंडिया का आगाज किया गया है। कैश लैस भारत का निर्माण किया जा रहा है। हर जगह डिजिटल पेमेंट होने की बात कही गई है। और इसका देश में असर भी होता नजर आ रहा है। चाहे वो पैट्रोल पंप हो या कपड़े की दुकान , होटल हो या रेस्टोरेंट , चाय की दुकान हो या पान की दुकान, रेलवे स्टेशन हो या बस की टिकट हर जगह डिजिटल पेमेंट की सुविधा उपलब्ध हैं। लोग हर जगह पेटीएम से या एटीएम से ऑनलाइन हो या बैंक ट्रांसफर ,अपने सुविधा के अनुसार पेमेंट कर रहे हैं। पर एक जगह बात आकर रुक जाती है। और वो है मेडिकल सेक्टर में । यहाँ पर निजी डॉक्टर की क्लीनिक हो या नर्सिंग होम , निजी जांच घर हो या हॉस्पिटल ,या फिर दवाई की दुकान कही भी डिजिटल पेमेंट की सुविधाएं उपलब्ध नही है। और न ही ये निजी अस्पताल के डॉक्टर डिजिटल पेमेंट लेने को तैयार है। लोग इससे पूरी तरह परेशान हो रहे है। लोग अपने मरीज से जितना परेशान नही है उतना इन निजी अस्पताल के सिस्टम से परेशान है। मरीजो को हर चीज के लिए सिर्फ कैश में पेमेंट करने के लिए दबाब दिया जाता है। और मजबूर मरीज करे तो क्या करे। और मरीज को उस कैश पेमेंट का पक्का बिल भी नही दिया जाता है। पूर्णिया शहर के ऐसे सैकड़ों निजी अस्पताल, नर्सिंग होम , दावा दुकान, जांच घर है जहाँ किसी भी तरह की डिजिटल पेमेंट के जरिये पेमेंट लेने को तैयार नही है। और मरीज के पूछने पर की डिजिटल पेमेंट की सुविधा क्यों नही है, तो इन निजी संस्थानों द्वारा कहा जता है ,जंहा इलाज या जांच करवाना है करवाइये हम तो कैश में ही पेमेंट लेते है। जिनके पास शिकायत करनी है करो पर पेमेंट सिर्फ कैश में ही करना होगा। लोग कहते है कि जो भी सरकारी टैक्स जोड़ना है जोड़ लीजिये और टैक्स पैड बिल लेकर पेमेंट कार्ड से लीजिये ।पर ये लोग किसी भी सूरत पर डिजिटल पेमेंट लेने को तैयार नही होते है । और ऐसे मरीजों को इलाज करने को भी तैयार नही होते है । लोग परेशान है और इनकी दादागिरी है कि बंद होने को नाम ही नही ले रही है। पूर्णिया का कोई भी छोटा बड़ा हॉस्पिटल हो जांच घर हो या शहर की लगभग दवा दुकान सबकी दादा गिरी चरम पर हैं। पर इसकी सुध लेने के लिए कोई तैयार नही है। सरकार हो या ड्रग अधिकारी या फिर इनके संबधित अधिकारी सब सुस्त और नींद में सोए हुए है। और बेहाल हो रहीं हैं जनता। थक हारकर मजबूरी में लोगो को कैश पेमेंट ही करना पड़ रहा है ।
-पूर्णिया से शिव शंकर सिंह की रिपोर्ट