पीएम के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में मिले 18 अतिकुपोषित बच्चे, एक की हालत गंभीर

*अतिकुपोषित बच्चों को एनआरसी में भर्ती, कराए जाने के लिए जनाधिकार मंच ने डीएम से की शिकायत

वाराणसी- विकास खंड चिरईगांव के सलारपुर में 18 अतिकुपोषित बच्चे मिले हैं। इनमें से एक बच्चे की हालत गंभीर बताई जा रही है। जिसे इलाज के लिए जिला अस्पताल एनआरसी में भर्ती कराने की मांग। विगत बुधवार 9 जनवरी को जन अधिकार मंच के अध्यक्ष अनिल मौर्या की सूचना पर सामाजिक संगठनों की टीम सलारपुर पहुंची और यहां के कुपोषित बच्चों का वजन किया यहां के बच्चों की कुपोषण अवस्था अत्यंत गंभीर थी।
जांच के बाद आए रिपोर्ट में खुलासा हुआ। महिला बाल विकास द्वारा कुपोषण दूूर करने के लिये चलाये जा रहे अभियान व योजना फ्लाप हो रहे हैं। जिले में बच्चों में कुपोषण की स्थिति भयवाह होती जा रही है।
सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ता को दर्जनों अतिकुपोषित बच्चों की सूचना मिली। पहले तो कार्यकर्ता ने ही बच्चों को एनआरसी में भर्ती कराने का प्रयास किया, लेकिन असफल हुए। जिसकी सूचना जिलाधिकारी को जनसुनवाई पोर्टल पर दिया गया है। ग्राम लेढुपुर की मुस्लिम बस्ती के रहने वाले वसीर की पुत्री रोजा जिसकी वर्तमान उम्र 19 माह है का कुपोषण वजन के आधार पर नापा जिसमें इनका वजन मात्र 5 kg ही पाया गया जो विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानक से बहुत ही कम है रोजा की तबियत ज्यादा खराब थी, ऐसे में उसे तत्काल एनआरसी मे भर्ती करते हुए इलाज शुरु किया जाना चाहिए।
यह मामला उस वक्त सामने आया जब जन अधिकार मंच, न्याय मंच के किरन गुप्ता, ममता कुमारी ने यहां बच्चों का वजन किया था। यहां 25 बच्चों की जांच की गई, जिसमें एक बच्चा अतिकुपोषित पाया गया।

खास बात यह है कि दोनों बच्चे अलग-अलग घरों के हैं। इसी से क्षेत्र की हालात का अंदाजा लगाया जा सकता है। लेकिन वृहद स्तर पर बच्चों के स्वास्थ्य की जांच को प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग ने कोई कदम नहीं उठाए हैं। स्वास्थ्य विभाग के कागजों में स्वास्थ्य जांच शिविर चलाए जा रहे हैं सिर्फ सलाह देकर संबंधित चिकित्सकों और शिविर आयोजित करने वालों ने अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर ली।

बच्चों के कुपोषण को लेकर अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं बहुत ही संवेदनशील होती हैं। इससे राज्य की छवि पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। बावजूद अधिकारी न तो मुख्यमंत्री और न ही विभागीय सचिव को मामले की जानकारी दे रहे हैं।
चिरईगांव विकास खंड के सलारपुर गांव मे किरण गुप्ता ममता कुमारी ने यहां के 25 बच्चों के गिरते वजन की जांच की।
जिसमें एक बच्चे अति कुपोषण की गिरफ्त में पाए गए।

मानवाधिकार का उल्लंघन है कुपोषण:-

सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार गुप्ता ने बताया कि
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को मीडिया रिपोर्ट के आधार पर इस तरह के गंभीर कुपोषण के मामले खुद संज्ञान लेते हुए सरकार को नोटिस जारी कर रिपोर्ट तलब करना चाहिए। राज्य सरकार को नोटिस जारी कर आयोग, बच्चों का कुपोषित होना मानवाधिकार का उल्लंघन है। स्तनपान करने वाली महिलाओं और बच्चों को पौष्टिक तथा संतुलित आहार उपलब्ध कराना राज्य सरकार का कर्तव्य है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका:-

कुपोषण को लेकर जन अधिकार मंच के अध्यक्ष अनिल मौर्या ने हाईकोर्ट इलाहाबाद में जनहित याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि प्रदेश सरकार की यह जिम्मेदारी है कि बच्चों को पौष्टिक पौष्टिक भोजन मिले, लेकिन आदिवासी और सुदूर ग्रामीण इलाकों में हालत ठीक नहीं है। मौर्या ने कहा कि इस संवेदनशील मुद्दे पर भी प्रदेश की सरकार आंखे मूंदे बैठी है। पिछले कुछ वर्षों में कुपोषण की स्थिति भयावह हुई है।

रिपोर्टर-:महेश पाण्डेय के साथ (राजकुमार गुप्ता) वाराणसी

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