सम्भल:- हयूमन केयर चैरिटेबल ट्रस्ट के तत्वावधान मे फादर्स डे के अवसर पर पिताओं को सम्मानित किया गया।
उपनगरी सरायतरीन मे पिताओं को सम्मानित करते हुए ट्रस्ट के संस्थापक नाज़िश नसीर ने कहा कि दिमाग मे दुनिया भर की टेंशन और दिल मे सिर्फ अपने बच्चों की फिक्र करने वाला शक्स सिर्फ पिता ही होता हैं। पिता का दिल अपने बच्चों के प्रति एक नारियल के समान होता हैं बाहर से सख्त और अंदर से मुलायम। पितृहिन बच्चे अकसर दिशहिन होकर भटक जाते है,एक पिता अपने बच्चों के सुख के लिये अपने दुख दर्द की परवाह किए बगैर काम मे लगा रहता हैं।
एक पिता सौ स्कूली अध्यापको से बड़कर होता है,एक पिता सदैव अपने बच्चों को विकास और सफलता के लिये प्रेरित करता है।
पिता अपनी संतान के लिए सबसे अच्छा इंसान होता है अगर मां के पैरों के नीचे जन्नत होती है तो बाप भी जन्नत का दरवाज़ा होता है,एक पिता पूरे घर का बोझ अपने कंधों पर उठाए रहता है मगर माथे पर एक शिकन भी नहीं आने देता। एक पिता वह होता है जो अपने बच्चों को अपनी छत्रछाया के द्वारा सूरज की तपन व सांसारिक दुखों से बचाता हैं, एक पिता अपनी संतान के लिए सबसे अच्छा शिक्षक होता हैं,पिता परिवार का सहारा हैं। वे परिवार के नायक हैं, आत्मविश्वास के स्तंभ हैं और निस्संदेह जरूरत के समय रोने के लिए एक कंधे हैं। पिता परिवार की रीढ़ होते हैं। जीवन को अनुशासन बनाने, नैतिकता देने और हर संभव बिंदु पर मार्गदर्शन प्रदान करने में बच्चों के जीवन में बड़ी भूमिका निभाते हैं। पिता का सारा दिन संघर्ष और अपने बच्चों का जीवन बनाना, बच्चों की मांग की हर चीज प्रदान करना लेकिन यह कभी नहीं दिखाना कि वे अपने बच्चों के लिए पूरे दिन क्या करते हैं।पिता के बिना कोई भी परवार पूरा नहीं होता। एक पिता ही होता है, जो सब दुःख सहकर अपने बच्चों और परिवार का पालन पोषण करता है। पिता हम सब के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। एक पिता का अपने परिवार के लिए अतुलनीय योगदान होता है,यह दिन सभी पिताओं, दादाओं और पूर्वजों, उनके असंख्य बलिदानों और नैतिक मूल्यों को प्रदान करने के लिए समर्पित है। पिता के प्यार की कोई सीमा नहीं होती और यह उनके बच्चों को बहुत ताकत देता है।
इस अवसर पर रिज़वान कमर,नबी हसन,ज़ैन पठान, नाज़िश मियाँ आदि शामिल थे।
सम्भल से सय्यद दानिश अली