फतेहगंज पश्चिमी, बरेली। पितृ पक्ष समाप्ति के बाद सोमवार से शारदीय नवरात्र प्रारंभ हो गए। जो चार अक्टूबर तक चलेंगे। इस बार किसी भी तिथि का क्षय नही होने के कारण पूरे नौ नवरात्र होगे। सोमवार को नवरात्र शुरू होने से मां भगवती गज पर सवार होकर धरा पर आएंगी। मां दुर्गा के वाहनों की गणना सप्ताह के दिन के हिसाब से होती है। ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मां की गज (हाथी) की सवारी बेहद शुभ मानी जाती है। गज पर सवार होकर मां अपने भक्तों पर धन-धान्य की खूब वर्षा करेंगी। नवरात्र में इस बार कई शुभ संयोग बन रहे हैं। इस कारण शारदीय नवरात्र का महत्व कई गुना बढ़ गया है। नवरात्र के पहले दिन ही पांच योग बन रहे है। शारदीय नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना की जाती है। ऐसे मे इस दिन घर के पूजा मंदिर में उत्तर-पूर्व दिशा में करना शुभ रहता है। माता के लिए पूजा-चौकी पर कलश स्थापित करें। सबसे पहले कलश रखने वाले स्थान को गंगाजल से शुद्ध करें। इसके बाद लकड़ी की चौकी पर लाल रंग से स्वास्तिक बनाएं और उस पर कलश स्थापित करे। कलश मे आम, बरगद, गूलर, पीपल, पाकड़ के पल्लव रखें। इसके बाद कलश को जल या गंगाजल से भरें। कलश में एक सुपारी, कुछ सिक्के, दूर्वा, हल्दी की एक गांठ जरूर रखें। कलश के मुख पर एक नारियल लाल वस्त्र से लपेट कर रखें। संभव हो तो अक्षत से अष्टदल बनाकर उस पर मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित करे। शारदीय नवरात्रि की घटस्थापना का शुभ मुहूर्त सोमवार को सुबह 06 बजकर 28 मिनट से 08 बजकर 01 मिनट तक बताया गया है। इस शुभ मुहूर्त मे देवी का पवित्र कलश स्थापित किया जा सकता है। इस शुभ मुहूर्त की कुल अवधि 01 घंटा 33 मिनट की होगी। अगर आप किसी कारणवश इस शुभ मुहूर्त में कलश स्थापित नहीं कर पाएं तो सुबह 11 बजकर 54 मिनट से दोपहर 12 बजकर 42 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त में भी कर सकते है।।
बरेली से कपिल यादव