आजमगढ़- परिषदीय विद्यालय के प्रधानाध्यापक लक्ष्मण सिंह ने 3 वर्ष में प्राथमिक विद्यालय की तस्वीर ही बदल दी। आजमगढ़ जिला मुख्यालय से लगभग 20 किलोमीटर दूर स्थित सठियाव ब्लॉक के सोनपुर प्राथमिक विद्यालय की तस्वीर 3 वर्षों में बिल्कुल बदल गई। इस बदलाव का श्रेय यहां के प्रधानाचार्य लक्ष्मण सिंह को जाता है। मीडिया से बातचीत में प्राथमिक विद्यालय सोनपार के प्रधानाचार्य लक्ष्मण सिंह ने बताया कि अप्रैल 2016 में जब इस प्राथमिक विद्यालय में उनकी तैनाती हुई थी। उस समय यहां पर 95 बच्चे रजिस्टर्ड थे और 30 बच्चे विद्यालय में पढ़ने आते थे। विद्यालय में बच्चों की संख्या बढ़ाने के लिए उन्होंने गांव गांव जाकर अभिभावकों से मिलकर उनके बच्चों को अच्छी शिक्षा देने का वायदा किया और उनके परिजनों को जागरूक किया जिसका परिणाम यह हुआ 3 वर्षों में यहां पर 295 बच्चे पंजीकृत हुए और 255 बच्चे प्रतिदिन विद्यालय में आकर शिक्षा ग्रहण करते हैं।
VO : प्रधानाचार्य का कहना है कि अच्छा काम करने कि मन में सोच थी और बच्चों को गुणवत्ता परक शिक्षा देना चाहता था जिसके लिए यहां पर तैनात शिक्षकों की संख्या काफी कम थी जिसके बाद 4 पार्ट टाइम शिक्षिकाओं को यहां पर नियुक्त किया जो इन बच्चों को गुणवत्ता परक शिक्षा दे सकें प्रधानाचार्य का कहना है कि इस काम में बहुत समस्याएं भी आई और सबसे बड़ी समस्या यह है कि यहां पर पड़ने वाले बच्चों के अभिभावक अशिक्षित हैं जिस कारण वह अपने बच्चों को मुबारकपुर में बनने वाली साड़ियों के कारखानों में काम करने के लिए भेज देते हैं शिक्षा इंसान को आगे ले जाती हैं इसी बात को ध्यान में रखते हुए इन बच्चों को शिक्षित करने का बीड़ा उठाया। इसी प्राथमिक विद्यालय में एक आंगनवाड़ी केंद्र भी चलता है और इस आगनबाडी केंद्र में पढ़ने वाले बच्चों को सरकार की तरफ से ना तो ड्रेस और ना ही बैग दिया जाता है लेकिन बच्चों के अंदर हीन भावना ना आए इसलिए यहां पर पढ़ने वाले 70 बच्चों को स्कूल ड्रेस व बैग वितरित किया। अभिभावक लालसा गिरी का कहना है कि विगत 4 वर्षों में ऐसे शिक्षक यहां आए की आस पास चलने वाले चार नर्सरी स्कूल बंद हो गए।
Report Rakesh Verma , UP Azamgarh