बरेली। निजीकरण के विरोध मे राष्ट्रीय बैंकों के अधिकारी व कर्मचारी सोमवार से दाे दिन हड़ताल पर है। इससे लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। मंगलवार को भी हड़ताल के चलते बैंक बंद रहे। अब बुधवार से ही बैंक उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी। आपको बता दे कि दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल के चलते सभी बैंक एंप्लाइज यूनियन द्वारा बैंकों को बंद कर केन्द्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई। इस दौरान बैंक कर्मचारियों ने केन्द्र सरकार पर बैंकों को निजी कंपनियों के हाथों में थोपने का आरोप लगाया। इस दौरान इस दौरान यूनियन बैंक स्टाफ एसोसिएशन के महामंत्री पीके माहेश्वरी ने कहा कि सरकार का सार्वजनिक क्षेत्र के बैकों के निजीकरण का फैसला गलत है। यह हड़ताल किसानों, लघु बचतकर्ताओं, पेंशनभोगियों, छोटे एवं मध्यम उद्यमियों, व्यापारियों, स्वारोजगारियों कर्मचारियों व देश की 95 फीसद जनता के हितो के लिए है। हड़ताल में बैंक ऑफ बड़ौदा स्टाफ एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष पीपी सिंह, स्टेट बैंक अधिकारी संघ के सुमित भटनागर, सुनील मित्तल आदि ने बैककर्मियों को सम्बोधित किया। सप्ताह मे 13 मार्च को माह का दूसरा शनिवार था, 14 मार्च को रविवार होने की वजह से बैंक बंद रहे। अब 15 और 16 मार्च को दो दिवसीय हड़ताल के कारण कुल चार दिनों तक बैंक का कार्य प्रभावित रहा। शहर मे कालीबाड़ी स्थित सेन्ट्रल बैक, जिला अस्पताल के सामने पंजाब नेशनल बैंक, डीडीपुरम स्थित भारतीय स्टेट बैंक, पटेल चौक स्थित बैंक आफ बड़ौदा, मॉडल टाउन स्थित पंजाब नेशनल के एटीएम सहित शहर के अधिकांश एटीएम में कैश न होने की वजह से बैंक उपभोक्ता कैश निकालने के लिए इधर उधर भटकते रहे। इसके अलावा फतेहगंज पश्चिमी में भी बैंकों की हड़ताल होने से उपभोक्ता इधर-उधर भटकते रहे। इसके साथ ही एटीएम भी सभी खाली हो गए। उपभोक्ताओं को दुकानदार के पास जाकर आधार कार्ड के जरिए पैसे निकालते देखा गया।।
बरेली से कपिल यादव