बरेली। स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत लगाई गई फैंसी लाइट, पोल और नगर निगम द्वारा स्ट्रीट लाइटों की मरम्मत का काम ठेके पर दिए जाने के प्रकरण मे दो अपर नगरायुक्तों से आख्या मांगी है। कितनी फैंसी लाइटें चोरी हुई इस कारण रही इसकी रिपोर्ट तलब की है। जबकि स्ट्रीट लाइटों की मरम्मत करने वाली फर्म की तमाम पत्रावलियां मांगी है। शहर की सरकार ने शपथ लेते ही पार्षद आरेंद्र अरोरा, सतीश कातिब समेत तमाम पार्षदों ने मेयर को एक शिकायती पत्र लिखा। जिसमें लिखा था कि अक्षय ट्रेडर्स को नगर निगम प्रकाश विभाग द्वारा स्ट्रीट लाइट्स का रिपेयर कार्य का ठेका दिया गया। इस फर्म के पास स्ट्रीट लाइट रिपेयरिंग का कोई अनुभव नही है। न ही फर्म के पास पर्याप्त टीमें हैं जो कि 80 वार्डों में मेंटेनेंस कर सकें। फर्म ने जो टीम लगाई है वो एक दिन में 5 से 7 शिकायतें ही दूर करती हैं। जबकि एक ही वार्ड में 10 से अधिक स्ट्रीट लाइटें खराब की शिकायत हैं। ठेका देने से पहले शर्तं थीं कि फर्म को कम से कम दो वर्ष का कार्य अनुभव होना अनिवार्य है। जबकि जिस फर्म को ठेका दिया है उसके पास कोई अनुभव नहीं है। समाजवादी पार्टी के पार्षद राजेश अग्रवाल ने स्मार्ट सिटी की ओर से पॉश इलाकों में लगी लाइटें चोरी होने की भी जानकारी नगरायुक्त को दी थी। उनका कहना था कि लाइटें नगर निगम को हैंडओवर होने से पहले ही चोरी हो रही है। ठेकेदार ने इन लाइटों में बड़ा खेल किया है। बहुत सी लाइटें लगाकर उन्हें उतार कर दूसरी जगह लगा दिया गया। तमाम जगहों से इस तरह की शिकायतें आ रही है। इस मामले में नगरायुक्त ने अपर नगरायुक्त सुनील कुमार यादव को फैंसी लाइट मामले की आख्या मांगी है और अपर नगरायुक्त सर्वेश कुमार गुप्ता से स्ट्रीट लाइट के मेंटनेंस ठेका की जांच आख्या मांगी है।।
बरेली से कपिल यादव