देहरादून/उत्तराखंड- आज आम आदमी पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल द्वारा दून अस्पताल में डाॅक्टरों की लापरवाही व समुचित उपचार न मिल पाने के कारण प्रसव के दौरान जच्चा-बच्चा की मौत के विरोध में स्वास्थय निदेशालय में उच्च अधिकारियों से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व प्रदेश संगठन मंत्रीे उमा सिसौदिया ने किया।
जानकारी के अनुसार इस दौरान उन्होंने कहा कि राजधानी में स्थित सूबे के बड़े सरकारी अस्पताल में पर्याप्त व समुचित स्वास्थय सुविधायें न होने के लिये सीधे तौर पर राज्य सरकार व स्वास्थय निदेशालय जिम्मेदार है।
राजधानी देहरादून के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में पाँच दिनों से बेड के इंतजार में फर्श पर पड़ी प्रसूता महिला व उसके बच्चे की मौत की घटना दुखद, शर्मनाक व भयावह ही नहीं बल्कि देवभूमि उत्तराखंड के माथे पर एक काला धब्बा भी है।
उन्होंने कहा कि पिछले अठ्ठारह सालों में कांग्रेस-भाजपा ने विकास के बड़े-बड़े वादे व दावे किये हैं मगर इन मौंतों ने उन दावेदारों के मुँह पर करारा तमाचा मारा है। अलग राज्य बनने के बाद भी मूलभूत सुविधाओं की स्थिति बद से बदतर हुयी है
दुर्भाग्यजनक व सोचनीय विषय है कि जिस राजधानी से सूबे की सरकार चलती है वहाँ स्वास्थय सेवाओं की यह लचर व दयनीय स्थिति है तो फिर पहाड़ के दुर्गम क्षेत्र में क्या हाल होगा ?
आम आदमी पार्टी के प्रतिनिधिमंडल ने मांग की है कि इस घटना की दून अस्पताल से इतर अधिकारियों की जाँच कमेटी बनाकर उच्चस्तरीय जाँच करायी जाये और घटना के लिये जिम्मेदार डॉक्टरों व कर्मचारियों पर आपराधिक धाराओं में मुकदमा दर्ज कर कड़ी कार्यवाही की जाये।
प्रतिनिधिमंडल प्रदेश मीडिया प्रभारी कुलदीप सहदेव, देहरादून महानगर अध्यक्ष अशोक सेमवाल, विनोद बजाज, वीरेन्द्र पोखरियाल, बलविन्दर सैनी, धर्मेन्द्र ठाकुर, शिखा गुप्ता, एस.के.राजपूत, शैलेश तिवारी, विनोद पंत, कमल राना उपस्धित रहे।