दया,करुणा और सहनशीलता है इंसानियत की पहचान:निरंकारी

झांसी- आज दुनिया की उपलब्धियों के कारण निश्चित तौर पर इंसानों का रुतवा बुलंद हुआ है। किंतु यह आवश्यक है कि इंसान मानवीय गुणों से युक्त होकर मानवता का रुतबा बुलंद करे । उक्त उद्गार भीलवाड़ा (राजस्थान) से पधारे निरंकारी संत जगपाल सिंह राणा ने सदर बाजार में मानव परिवार को संबोधित करते हुए कहे ।

उन्होंने कहा इंसानियत मिलवर्तन की हमेशा कमी रहीl संतजन इसकी पूर्ति के लिए युगों – युगों से योगदान देते आए हैं और वर्तमान में भी ऎसे प्रयास किए जा रहे हैं। इस कमी की पूर्ति होने पर धरती जन्नत बन सकती है।

निरंकारी संत ने कहा कि दया, करुणा और सहनशीलता के गुण इंसानियत की पहचान है। इन्हीं गुणों की कमी के कारण धरती का स्वरूप दहशत वाला बनता जा रहा है। आज सद्गुरु माता सविन्द्र हरदेव जी का भी संदेश है कि प्यार और भाईचारा बढ़ाने का काम संत कर रहे हैं।

रिपोर्ट: उदय नारायण कुशवाहा (झांसी)

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