तेन्दूखेड़ा दमोह/मध्यप्रदेश- जानवरों के साथ अमानवीय व्यवहार की पराकाष्ठा- दमोह जबलपुर मार्ग पर रात के अंधेरे में मवेशियों की तस्करी का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। लगातार धरपकड़ के बाद भी क्रूरतापूर्वक ढंग से जबलपुर दमोह के बीच रास्ते बदल कर ट्रकों में भर कर मवेशियों को कानपुर भेजे जाने का सिलसिला जारी है। इसी कड़ी में बीती रात जबलपुर से निकले भैंसों से भरे एक ट्रक के मामले में दोहरे अमानवीय व्यवहार का घटनाक्रम सामने आया है। जानकारी के अनुसार बीती रात जबलपुर से दमोह की और रवाना हुए ट्रक क्रमांक UP 77 AN- 4819 में क्रूरतापूर्वक भैंसों को भर कर रवाना किया गया था। इसकी जानकारी जैसे ही कुछ संगठनों से जुड़ेे युवाओं पाटन में मिली उन्होंने ट्रक का पीछा करना शुरू कर दिया। जिसके बाद ट्रक पाटन में टोल बैरियर को तोड़ता हुआ तेंदूखेड़ा की ओर बढ़ गया। इधर तेंदूखेड़ा के 27 मील क्षेत्र में पुलिस द्वारा की जा रही चेकिंग को देखकर ट्रक चालक एक खेत में ट्रक को उतार कर भाग गया। मौके पर पहुंची तेंदूखेड़ा पुलिस ने ट्रक के अंदर भरे भैंसों के समूह को देखा तथा मौके से बिना सुरक्षा इंतजाम एवं चारा पानी की व्यवस्था किए वापस लौट गई। इधर ट्रक का पीछा कर रहा है लोगों ने भी मवेशियों को ट्रक से उतरवाने या उनके चाय पानी के इंतजाम करने की ओर रात में ध्यान नहीं दिया। पुलिस के जाते ही इस इलाके में सक्रिय कुछ उठाई गीर तत्वों ने ट्रक से बैटरी तथा करीब 200 लीटर डीजल चोरी करने में देर नहीं की। तथा ट्रक के सामने के कांच भी तोड़ दिए। सुबह 10 बजे तक ट्रक में उसी तरह से कसी फसी भरी रही भूखी प्यासी भैंसों के रँभाने की आवाज सुनकर अनेक बस के यात्रियों ने तेंदूखेड़ा पुलिस व पत्रकारों को जानकारी दी। इसके बाद भी पुलिस द्वारा ध्यान नहीं दिए जाने पर रोशन दुबे ने एसपी विवेक अग्रवाल को कॉल करके हालात से अवगत कराया। इसके बाद ही तेंदूखेड़ा थाना पुलिस मौके पर पहुंची तथा भैंसियो के लिए चारे पानी का इंतजाम करके उनकी सुध ली गई। इस मामले में जानवरों के साथ जानवरों से भी बदतर व्यवहार किए जाने की दोहरी तस्वीर उभरकर सामने आई है। क्रूरतापूर्वक भरकर ले जाने वालों ने इन दुधारू भैंसों की चीख-पुकार को जिस तरह से अनदेखा किया था। उसी तरह इन को आजाद कराने के लिए पीछा करने वालों ने ट्रक के चालक के भाग जाने के बाद भैंसयों के दाना पानी का इंतजाम करने या इन्हें बंधन मुक्त कराने क्यों ध्यान नहीं दिया यह विचारणीय प्रश्न है। यम वाहिनी कहे जाने वाली भैंसों को यम यातना देने वालों के साथ यमराज क्या बर्ताव करेंगे यह बाद की बात है। लेकिन गौ रक्षा और जीव दया का पाठ पढ़ाने वालों से हमारा निवेदन है कि इस तरह के हालात में कम से कम बंधक मवेशियों के दाना पानी का इंत जाम करके उनकी सेवा का मौका नहीं छोड़े। इससे यह भव सुधरने के साथ ही अगला भव भी सुधरेगा यह बात तय है। फिर भी यदि कोई समस्या आती है तो हमारे जागेश्वर नाथ धाम के गौ भक्तों को सूचना देने से नहीं चूके।
– विशाल रजक तेन्दूखेड़ा , दमोह , मध्यप्रदेश