राजस्थान/बाड़मेर – आजादी के बाद और आजादी से पहले के हजारों वीर शहीदों ने देश की सरहदों पर जान न्यौछावर कर भारत माँ के लिए अपने को हसते हुए वीरगति को प्राप्त हुएं और हमारे को अपने वीर शहीदों के लिए दो मिनट का मौन रखकर सच्चे मन से पुष्पों द्वारा श्रृद्धांजलि अर्पित करने का हक़ है। हमारे समाज के युवाओं को आज शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़ा हुआ नहीं रहतें हुए अग्रणी योद्धा की तरह युद्ध कौशल में पारगत होकर अपने लिए सिर्फ एक पद सरकारी नौकरी का हासिल करने की सख्त जरूरत है अन्यथा वो बख्त बीत जाएगा जब कोई समाज का व्यक्ति किसी सरकारी कार्यालयों में आपको नज़र ही नहीं आएगा। ओजस्वी वक्ता की तरह युवाओं को प्रेरित करते हुए शिक्षाविद रामदान मेहरेरी ने अपने सम्बोधन में कहा।
सर्वप्रथम क्रांतिकारी बाहरठ एवं शहीद की तस्वीर पर माल्यार्पण दिलीपसिंह भादरेश, रामदान मेहरेरी, सुमेरदान रावतरा, राजुदान चारण धारवी, रेंवतदान रावतरा व हाकमदान बूठ द्वारा किया गया और सभी वक्ताओं ने शहीद रामदान मेहरेरी के सन् 1965 में भारत-पाक युद्ध के दौरान इनके अदम्य साहस एवं बलिदान पर प्रकाश डाला एवं क्रांतिकारी बारहठ एवं उनके भाई क्रांतिकारी ठाकुर केशरीसिंह व भतीज अमर शहीद कुं. प्रतापसिंह बारहठ व उनके पूरे परिवार द्वारा अंग्रेजी हुकूमत के विरुद्ध किए संघर्ष, जेल जीवन व शहादत को याद किया।
कार्यक्रम मंच संचालक रामदान चारण मेहरेरी द्वारा शहीद के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बारहठ परिवार एवं सिंहढ़ायच परिवार- मेहरेरी के कुछ अविस्मरणीय प्रसंगों से अवगत कराया। इस अवसर पर दिलीपसिंह भादरेश, राजूदान चारण धारवी, सुमेरदान रावतरा, भोमदान ओलेचा ने पुष्प अर्पित कर श्रधांजलि सभा को संबोधित किया।
इस दौरान छात्रावास के सदस्य प्रेमदान शेखा,
मांगीदान ,भवानी दान, हिम्मतदान,सवाईदान,निंबदान, सुमेरदान,दलपत दान,गणपत दान,महिपालदान,सुरेशदान,महेंद्रदान,महावीरदान,यसवंतदान ,विरेंद्रदान,मगदान,खेतदान ,खीमदान,अरुणदान,राजेंद्रसिंह,भीमदान,कपिल दान, रमेश दान,महिपालदान,पदमदान,कुंदनदान,मोहनदान, प्रेम दान, रमेश दान, महिपाल दान,दलपतदान,अशोकदान,
महिपालदान,प्रवीणदान,धनदान,कमलदान,अशोकदान,उगमदान,मोहनदान,विक्रमदान,महेश दान,महिपालदान,
बलवंतदान,लखदान,संजयदान, सहित सैकड़ों युवाओं ने शहीद एवं क्रांतिकारी के लिए जोशीले देशभक्ति के नारे लगाए, शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित करके सामुहिक रूप से राष्ट्र रक्षा की शपथ ली।
वक्ताओं ने भाषण में समाज व राष्ट्रहित में तन-मन-धन से योगदान की इच्छा जाहिर की व विद्यार्थियों को अनुशासन में रहकर शहीद एवं क्रांतिकारी के जीवन से प्रेरणा लेकर निरंतर आगे बढ़ने की सीख दी।सर्व चारण समाज बाड़मेर द्वारा प्रायोजित इस कार्यक्रम में वरिष्ठ नागरिक, शिक्षाविद, सामाजिक कार्यकर्ता, पत्रकार, शासन अधिकारी, छात्रावास के छात्र एवं आमजन बड़ी संख्या में शरीक हुए।
– राजस्थान से राजूचारण