आजमगढ़- शहर में वर्षों पूर्व लगभग 71 करोड़ रुपये की लागत से भूमिगत केबल बिछाई गई थी। आज तक सभी संबंधित क्षेत्रों में समुचित बिजली आपूर्ति सुनिश्चित नहीं हो सकी है। इस संबंध में विद्युत विभाग के चीफ इंजीनियर और अधीक्षण अभियंता से रिपोर्ट मांगी गई थी। कई बार मौखिक व लिखित रूप से रिपोर्ट मांगी गई लेकिन इसे गंभीरता से नहीं लिया गया। परियोजना की जांच के लिए बिजली विभाग के सीएमडी को पत्र लिखा जाएगा। कलेक्ट्रेट सभागार में शनिवार को जिलाधिकारी नागेंद्र प्रसाद सिंह ने प्रेस-प्रतिनिधियों से वार्ता के दौरान जिले की कई समस्याओं पर चर्चा करते हुए कार्रवाई के संकेत दिए। उन्होंने बदले जाने कुछ घंटे या कुछ दिन बाद ही ट्रांसफार्मर जल जाने के कारण बिजली आपूर्ति बाधित होने को गंभीरता से लिया। बताया कि इस संबंध में बिजली विभाग के अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी गई थी लेकिन इसे गंभीरता से नहीं लिया गया।
जिलाधिकारी के सामने अतरौलिया के गदनपुर में किसानों द्वारा एनएच के बराबर पूर्वांचल लिक एक्सप्रेस का भी सवाल रखा गया। जिलाधिकारी ने कहा कि धरना को नेतृत्व कर रहे लोगों को सोचना चाहिए कि इसके मुआवजे का दर 2016 के अनुसार किया गया है। आखिर 2019 में उन्हें क्यों एतराज है। जबकि इस मामले में एक समिति गठित कर दी गई है। कोई समस्या है, उसका प्रस्ताव लिखित रूप में प्रस्तुत करें जिसे शासन को भेज दिया जाएगा। साथ ही न तो किसी किसान की भूमि का अधिग्रहण की जा रही है न ही जबरदस्ती बैनामा कराया जा रहा है।
रिपोर्टर:-महेश पाण्डेय