आजमगढ़- सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा आश्रय स्थलों पर गोवंश की मौतों पर अपनाये गए सख्त रवैये पर पूरे प्रदेश में हड़कंप मचा हुआ है। सोमवार को आजमगढ़ के जिलाधिकारी नागेन्द्र प्रसाद सिंह ने भी निराश्रित गोवंश आश्रय स्थल ग्राम किशुनपुर का निरीक्षण किया । वहां प्रधान द्वारा बताया गया कि इस आश्रय स्थल पर दिन में 02 सफाईकर्मी तथा रात्रि के लिए 01 सफाई कर्मी की ड्यूटी लगी है। दिनांक 13 जुलाई 2019 को रात्रि में प्रभारी मुख्य पशु चिकित्साधिकारी के माध्यम से आकस्मिक निरीक्षण कराये जाने पर तैनात सफाईकर्मी अनुपस्थित पाया गया। जिस पर जिलाधिकारी द्वारा डीपीआरओ को निर्देशित करते हुए कहा गया कि संबंधित सफाईकर्मी को तत्काल निलंबित करके यहां पर दूसरे सफाईकर्मी की तैनाती करना सुनिश्चित करें।बताया गया कि इस आश्रय स्थल में वर्तमान में लगभग 180 निराश्रित पशु उपलब्ध हैं, वर्तमान में इस आश्रय स्थल पर एक शेड बना है, जिसमें दोनों तरफ से लगभग 60 पशु एक साथ चारा खा सकते हैं। पशुओं की संख्या को दृष्टिगत रखते हुए जिलाधिकारी द्वारा जिला पंचायत राज अधिकारी,प्रधान को निर्देशित किया गया है कि दो और शेड,नाद का निर्माण करायें, जिसमें एक शेड में नर पशु, दूसरे शेड में मादा पशु एवं तीसरे शेड में छोटे पशुओं को रखा जाय। साथ ही वर्तमान शेड के दूसरे तरफ जहां कीचड़ है, वहां पर प्लेटफार्म का निर्माण कराया जाय, जिसमें दूसरी तरफ से पशु भी चारा खा सकें।प्रधान द्वारा बताया गया कि प्रतिदिन 10 कुन्तल भूसा लगता है, जिस पर जिलाधिकारी ने निर्देश दिये कि एक सप्ताह के लिए भूसा एकत्र रख लिया जाय, जिससे कि एक भी पशुओं की भूख के कारण मृत्यु न होने पाये। इसी के साथ ही उन्होने प्रभारी मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि अपने संबंधित चिकित्सकों को निर्देशित करें कि समय-समय पर निराश्रित आश्रय स्थल के पशुओं का उपचार करना सुनिश्चित करें।ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि पास के गांव पकड़िया दाढ़ी, जलालपुर, गम्भीरवन, अकबेलपुर के लोग अपने पशुओं को छोड़ जाते हैं, जिस पर जिलाधिकारी ने डीपीआरओ को निर्देशित करते हुए कहा कि उक्त ग्रामीणों के साथ बैठक कर उन्हें ऐसा करने से मना किया जाय, अन्यथा की स्थिति में पशु क्रूरता अधिनियम के अन्तर्गत नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। इस आश्रय स्थल पर पशुओं के लिए एक तालाब बनाया गया है। जिलाधिकारी द्वारा सहायक विकास अधिकारी एवं ग्राम पंचायत विकास अधिकारी को निर्देशित किया गया है कि तालाब के भीटे पर एवं अन्य खाली चारागाह की भूमि पर वन विभाग से सम्पर्क करके ऐसे पौधों का पौधरोपण किया जाये, जो पशु खाते हैं।जिलाधिकारी द्वारा ग्राम पंचायत विकास अधिकारी एवं प्रधान को निर्देशित किया गया है कि इस आश्रय स्थल पर उपलब्ध पशुओं को नियमित रूप से देख-भाल की जाय, ताकि निराश्रित पशु सुरक्षित एवं स्वस्थ रह सके।इस अवसर पर उप जिलाधिकारी सदर, जिला पंचायत राज अधिकारी, प्रभारी मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, सहायक विकास अधिकारी जहानागंज सहित अन्य कर्मचारीगण उपस्थित रहे।
रिपोर्ट:-राकेश वर्मा आजमगढ़