जब दीप जले आना जब शाम ढले जाना गीत के साथ सजी गीत-संगीत की महफ़िल

बरेली। गीतों के फनकार अजय चौहान के “जब दीप जले आना जब शाम ढले जाना” के साथ रामपुर गार्डन में मधु वर्मा के आवास पर गीत-संगीत की महफ़िल सजी। मधु वर्मा ने “नैनो में बदरा छाये, बिजली सी चमके हाय” की जोरदार प्रस्तुति दी तो श्रोताओं ने जमकर तालियां बजाकर उनका अभिवादन किया। शोभा सक्सेना के गीत जिन्दगी एक सफर है सुहाना, जहां कल क्या हो किसने जाना को बेहद पसंद किया गया। मुकेश कुमार सक्सेना ने “सारंगा तेरी याद में नैन हुए बेचैन, मधुर तुम्हारे मिलन बिना दिन कटते नहीं रैन” ने श्रोताओं की खूब वाहवाही लूटी। विदुषी सरला चौधरी ने एक ग़ज़ल प्रस्तुत करके वातावरण भावमय कर दिया लेकिन पुनः अजय चौहान की जोरदार प्रस्तुति “का करूँ सजनी आये न बालम” ने लोगों में उमंग भर दी। कार्यक्रम का संचालन सुरेन्द्र बीनू सिन्हा ने किया। यह आयोजन मधु वर्मा और मुकेश सक्सेना के जन्मदिन पर किया गया। कार्यक्रम के प्रारंभ में दो अति जरूरतमंद कन्या के विवाह का सामान मानव सेवा क्लब ने दिया। सीए अनिल चौधरी, अभय चंद वर्मा, मीनू वर्मा ने भी कार्यक्रम में हिस्सा लिया।

रिपोर्टर-सौरभ पाठक

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *