लोकतंत्र का चौथा इतना कमजोर क्यो? जनप्रतिनिधि से सबाल करना पत्रकार का अधिकार है और जनप्रतिनिधि के सामने ही पत्रकार के साथ मारपीट अशोभनीय भी और निंदनीय भी।
उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में एक जनप्रतिनिधि के सामने ही पत्रकारों के साथ मारपीट की घटना की जर्नलिस्ट काउंसिल ऑफ इंड़िया निंदा करती है। साथ ही सभी पत्रकारों से एकजुट होने का आवाह्न करती है जिससे भविष्य में इस तरह की पुनरावृत्ति न हो।जर्नलिस्ट काउंसिल ऑफ इंड़िया के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुराग सक्सेना ने कहा कि पत्रकारों के साथ हुई इस घटना को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। एकजुट रहकर ही लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की मर्यादा को बचाया जा सकता है। पत्रकारो की सुरक्षा को भी ध्यान मे रखकर सरकार को अब ठोस कदम उठाने चाहिए। पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग पत्रकारों के तमाम संगठन लंबे समय से कर रहें है लेकिन सरकारे इस पर मौन साधकर इसे नजरअंदाज कर रही है।
समाज के सामने सच्चाई को उजागर करना और समाज की बात सरकार तक व सरकार की बात समाज तक पहुंचाना ही पत्रकार का काम भी है और दायित्व भी फिर उसकी सुरक्षा को क्यों नजरअंदाज किया जा रहा है।
अनुराग सक्सेना ने कहा कि अब समय आ गया है कि सभी पत्रकार साथी एकजुट हो और अपना विरोध भी दर्ज कराये फिर चाहे पत्रकार इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का या प्रिंट मीडिया का या फिर डिजिटल मीडिया का।क्योकि सभी अपना दायित्व निभा रहे है।हमारी एकता ही इस तरह की घटनाओं पर विराम लगा सकतीं है।