बिहार/मझौलिया- चैत्र नवरात्रि का आठवां दिन है। इस बार कोरोना वायरस लॉकडाउन के चलते नवरात्रि पूजन को कम सामान की उपलब्धता के बीच करना किसी चुनौती से कम नहीं रहा। वहीं, लॉकडाउन की वजह से मंदिर भी नहीं खुले, जिसके चलते श्रद्धालुओं को घर में पूजा करनी पड़ी। आचार्य उमेश त्रिपाठी पांडेय ने बताया कि चैत्र नवरात्रि के आठवें दिन माता के आठवें स्वरूप महागौरी की पूजा की जाती है। अष्टमी की तिथि के दिन महागौरी मां दुर्गा की पूजा से भक्तों के सभी तरह के पाप और कष्ट दूर हो जाते है।
अति गौर वर्ण होने के कारण मां को महागौरी कहा जाता है। मां की आराधना से असंभव कार्य भी संभव हो जाते हैं। सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है और हर मनोकामना पूर्ण होती है। मां महागौरी आदि शक्ति हैं। इनके तेज से ही यह जगत प्रकाशमान है। शुंभ-निशुम्भ से पराजित होने के बाद देवताओं ने मां महागौरी की प्रार्थना की थी।
मां का स्वरूप अत्यंत सौम्य एवं शांत है। मां महागौरी की उपासना से सभी पाप धुल जाते हैं। मां की पूजा से मन की पवित्रता बढ़ती है और सकारात्मक ऊर्जा में वृद्धि होती है। मां के पूजन से भूतकाल, वर्तमान और भविष्य में होने वाले सभी पापों का नाश होता है। मां श्वेत और हरे रंग के वस्त्र धारण करती हैं। अष्टमी के दिन महिलाएं देवी मां को चुनरी भेंट करती हैं। इस दिन कन्या पूजन का विशेष महत्व है। नवरात्र में कन्या पूजन से मां बहुत प्रसन्न होती हैं। कन्या पूजन पर गुलाबी रंग के वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है। मां की कृपा से आलौकिक सिद्धियों की प्राप्ति होती है। आज के दिन रसिआव रोटी खाने की परंपरा है । अष्टमी के दिन ही रात्रि 9:00 बजे रामनवमी की पूजा की जाती है। मां के चढ़ावे के लिए लवंग, इलायची ,सिंदूर ,कलश, चुनरी वस्त्र चढ़ाने की परंपरा है। ऐसा करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। बताते चलें कि जगत जननी माता से भक्तों ने वैश्विक महामारी कोरोनावायरस के संक्रमण से मुक्त करने की कामना की।
– राजू शर्मा की रिपोर्ट