चीनी मिलों को बेचने का फैसला कैबिनेट का था, मंत्री या मुख्यमंत्री का नहीं :मायावती

लखनऊ- मायावती ने बसपा सरकार में चीनी मिलों को बेचने के मामले को तूल पकड़ता हुआ देखकर सोमवार को सफाई दी। उन्होंने कहा कि चीनी मिलों को बेचने का फैसला मंत्री या मुख्यमंत्री का निजी नहीं था। इसके बेचने का फैसला कैबिनेट की बैठक में किया गया था। मायावती ने सोमवार को पत्रकारों से बाचतीत के दौरान पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि केंद्र हो या राज्य, सभी सरकारें इस प्रकार के फैसले लेती रहती हैं। बसपा की सरकार में भी बंद चीनी मिलों को बेचने का फैसला किया गया था। कैबिनेट का सामूहिक फैसला था और ऐसा करते समय सभी कायदे-कानून व नियमों आदि का पालन सुनिश्चित किया गया था।
चीनी मिलों को बेचे जाने के मामले को लेकर अभी पिछले दिनों प्रवर्तन निदेशालय ने बसपा के पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल उर्फ बाल्ला की 1097 करोड़ रुपये की संपत्ति को अटैच किया है। सीबीआई भी कई बार छापा मारकर जांच कर चुकी है। अक्तूबर 2020 में ही प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने हाजी इकबाल और मुखौटा कंपनियों के निदेशक सौरभ मुकुंद के सहारनपुर में साउथ सिटी स्थित मकान पर छापा मारा था। करीब 17 घंटे छानबीन के दौरान कई दस्तावेज कब्जे में लिए थे।

– मन्थन चौधरी

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