चर्च में प्रार्थना सभा के साथ प्रभु यीशु को याद कर रहे ईसाई

बरेली। शुक्रवार को ईसाई समाज के गुड फ्राइडे के मौके पर गिराजाघरों में महाप्रार्थना के आयोजन हुए। बिशप कोनराड स्कूल परिसर में स्थित सेंट अल्फांसेस चर्च में सुबह सात बजे से टोलियों ने अराधना की। कोरोना संक्रमण को लेकर शासन द्वारा जारी की कोरोना गाइडलान का पालन करते हुये फिजिकल डिस्टेंस का पालन करते हुये यह पर्व मनाया गया। दरअसल आज ही के दिन ईसा मसील को सूली पर चढ़ा दिया गया था। यह घटना ईसाई समुदाय का आधार है। आज ईसा मसीह के मृत्युदंड तक के विभिन्न विशेष घटनाओं को याद कर प्रार्थना की जाती है। बिशप इग्नेशियस डिसूजा का मुख्य संबोधन सुनने के लिए गिरजाघर में काफी संख्या में लोग पहुंचे। इसी प्रकार सिविल लाइंस के क्रास्ट मेथोडिस्ट चर्च में अराधना हुई। इज्जतनगर के इंटरडिपेंडेट बैप्टिस्ट चर्च में विशेष अराधना हुई है। कैंट के सेंट स्टीफन चर्च में सेंट माइकल चर्च क्राइस्ट के साथ साथ संयुक्त आराधना की गई। मेथोडिस्ट चर्च में फादर अनिल मैसी ने कहा कि प्रभु यीशु के वचनों को अमल करने का दिन गुड फ्राइडे है। प्रभु यीशु मसीह को याद करते हुए उनके बलिदान को समझाना चाहिए। पवित्र सप्ताह के दौरान मनाए जाने वाले गुड फ्राइडे पर प्रभु यीशु के बलिदान को याद कर उपवास रखा जाता है। महाप्रार्थना के दौरान उन्होंने इस दिन की महत्व पर प्रकाश डाला। सिविल लाइंस स्थित क्राइस्ट मेथोलिस्ट चर्च के पादरी सुनील के मसीह ने बताया कि कोरोना काल के चलते चर्च में फिजिकल डिस्टैंस का पालन करते हुये प्रभु यीशु मसीह के मृत्यु का क्रूस रास्ता का विशेष प्रार्थना किया ओर क्रूस का आराधना किया। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी में बीमार लोगो के चंगाई के लिए कोरोना के कारण लोगो में हिम्मत के साथ इसका सामना और पूरे विश्व को कोरोना महामारी से मुक्ति दिलाने की भी प्रार्थना की।।

बरेली से कपिल यादव

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