वाराणसी- सदी के सबसे लंबे चंद्र ग्रहण के खत्म होने के बाद धर्म नगरी काशी के गंगा घाटों पर आस्था की भारी भीड़ देखने को मिला। लोग पूरी रात ग्रहण काल में गंगा घाट पर बैठकर भजन कीर्तन करते रहे।और सुबह 3:49 मिनट पर ग्रहण खत्म होने के बाद मां गंगा में डुबकी लगाकर पुण्य के भागी बने। इसी के साथ दोपहर में सूतक काल के दौरान बंद हुए मंदिरों के कपाट भी करीब 13 से 14 घंटे बाद भक्तों के लिए खोले गए और मंदिरों में साफ सफाई के बाद दर्शन पूजन का क्रम शुरू हुआ।
ग्रहण का प्रारम्भ रात्रि 11:54 बजे हुआ था और करीब 1 बजे तक चांद पूरी तरह से काली साया में समा गया। ग्रहण का मध्य रात्रि 1:52 बजे रहा और समाप्ति रात्रि 3:49 बजे हुई। लगभग 3 घंटे 55 मिनट का यह ग्रहण इस सदी का सबसे लंबा चंद्रग्रहण माना गया है। चंद्र ग्रहण के मद्देनजर सबसे ज्यादा भीड़ दशाश्वमेध व राजेंद्र प्रसाद घाट पर देखने को मिली।
इन दोनों घाटों पर भक्तों का हुजूम पूरी रात भजन कीर्तन करता रहा। लोगों ने ग्रहण काल का समय बिताया और तीसरे पहर ग्रहण की शुरुआत मध्यकाल और समाप्ति पर गंगा में डुबकी लगाकर ग्रहण के असर को कम करने की कोशिश की। भोर में खत्म हुए ग्रहण के बाद गंगा स्नान का सिलसिला लगातार जारी है और लोग गंगा स्नान के बाद मंदिरों में दर्शन पूजन के लिए भी पहुंच रहे हैं, क्योंकि आज सावन का पहला दिन भी है। इसलिए गंगा स्नान कर लोग सीधे बाबा विश्वनाथ मंदिर का रुख कर रहे हैं।
रिपोर्टर-:महेश पाण्डेय वाराणसी