ग्रामीणो का निर्माणाधीन हाईवे पर 14वें दिन भी शासन-प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन जारी

आजमगढ़- अंडरपास बनाये जाने की मांग को लेकर कम्हेनपुर के ग्रामीणों का एक प्रतिनिधिमंडल सोमवार को मंडलायुक्त से मिला और उनसे हस्तक्षेप की मांग किया। कहाकि जब तक अंडर पास की मांग को पूरा नहीं किया जाता तब तक हाईवे निर्माण कार्य को आगे नहीं बढ़ने दिया जायेगा। उधर, ग्रामीणो का निर्माणाधीन हाईवे पर बुढ़िया मां मंदिर के सामने धरना 14वें दिन भी शासन-प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन जारी रहा। मंडलायुक्त को दिये पत्रक में बताया कि कम्हेनपुर के पश्चिम तरफ तमसा नदी, उत्तर तरफ नाला, दक्षिण तरफ हाईवे का पुल व पूरब तरफ से गांव में आने वाले सम्पर्क मार्ग 815 पर राष्ट्रीय राज मार्ग 233 का निर्माण चल रहा है। ऐसी दशा में ग्रामीण चारां तरफ से घिर गये है। गांव से बाहर जाने व बरसात में बाढ़ की विभीषिका से बचने के लिए दूसरा कोई अन्य रास्ता नहीं है। इसके अलावा गांव और प्राथमिक विद्यालय के बीच एनएच का निर्माण होने से बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित होगी। जो बच्चे 4 सौ मीटर दूरी तय कर विद्यालय जाते थे एनएच के निर्माण के बाद बच्चों के लिए यह दूरी बढकर 10 किलोमीटर हो जायेगी। नदी, नाला व नेशनल हाइवे से घिरे ग्रामीणों को गांव से बाहर निकलने के लिए कोई दूसरा रास्ता नहीं है। लिहाजा अंडरपास को लेकर ग्रामीण आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे। प्रतिनिधिमंडल में लालता राम, श्रीराम, तारकेश्वर, लक्ष्मी, सच्चू, तिलक, हुलचन्द आदि मौजूद रहे। उधर, निर्माणाधीन हाईवे पर धरने पर बैठे ग्रामीणों ने जमकर शासन-प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी किया। वक्ताओं ने कहा कि 14 दिनां से जारी रहे धरने में हमारी समस्याओं को सुनने की किसी आलाधिकारी ने जहमत तक नहीं उठायी। हाईवे के प्रोजेक्ट डायरेक्टर समस्या को अनसुना कर रहे है जबकि हम ग्रामीण बच्चों की शिक्षा-दीक्षा, मुख्यालय से सीधा आवगमन बना रहे इसी को लेकर सात दिनां से धरनारत हैं। हमारी समस्याओं पर जो नेता आज चुप है लोकसभा चुनाव के दौरान हम उन्हें सबक सिखायेंगे। धरने में हुलचन्द, अनिल, बलराम,, लौटन, घुरहू, मनीष, राजेन्द्र सिंह, मैनेजर सिंह, पिंटू, मूलचन्द, खुल्लू, रामपलट, राधेश्याम, सुक्खू, खुन्नू, रामू, रामभजन, सलता, श्रीराम, रामदास, दीपचन्द, फिरतू, बबलू नरेश, सच्चू, विशनधारी,सेवा, बाबू लाल, पंकज, नरमा देवी, ज्ञानमती, चांदमती सहित भारी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।

रिपोर्ट-:राकेश वर्मा आजमगढ़

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