सम्भल- “गुजरात के सूरत की “तक्षशिला इमारत” में कल हुए बेहद “दुःखद, “दर्दनाक एवं ह्रदयविदारक” हादसे में “असमय” ही काल के गाल में समाने वाले 20 से ज़्यादा बच्चों की ख़बर ने देश को “झकझोर” दिया है “बडों” के साथ साथ “बच्चों” के मानस पटल पर भी इस हादसे के “दुःख” के बादल छाये हैं और बच्चे भी इस ख़बर से बेहद “दुःखी” हैं। “लेखक/समाजसेवी” एवं *इन्सानियत वेलफेयर सोसाइटी* के संस्थापक/अध्यक्ष *राशिद सैफ़ी* का 11 वर्षीय बेटा *मो0 फ़ैज़ सैफ़ी* भी इस हादसे से बेहद “दुःखी, “ग़मगीन और “उदास है, और मो0 फ़ैज़ सैफ़ी ने इस हादसे में जान गंवाने वाले बच्चों की “मग़फ़िरत” एवं “आत्मा की शांति” के लियें कल रविवार को अपना “पहला रोज़ा” रखने की इच्छा जताई है। अपने बेटे की इच्छा का “सम्मान” करते हुए लेखक/समाजसेवी राशिद सैफ़ी ने कल अपने बेटे मो0 फ़ैज़ सैफ़ी का पहला रोज़ा गुजरात के हादसे में जान गंवाने वाले बच्चों को समर्पित करने एवं उनके निवास स्थान कांठ रोड हिमगिरि कालोनी पर सभी धर्मों के धर्म गुरुओं द्वारा इन सभी बच्चों की आत्मा की शांति के लियें सर्वधर्म दुआ कराने का निर्णय लिया है।
– सम्भल से सय्यद दानिश