बरेली/फतेहगंज पश्चिमी। ब्लॉक के गांव खिरका में श्मशान भूमि के पास सतुइया खास रोड पर लगे ट्रांसफॉर्मर की सपोर्ट रॉड में उतरे करंट की चपेट में आकर पालतू सुअर की तड़प-तड़पकर मौत हो गई। सुअरों को चरा रहा बालक भी पशु को बचाने के चक्कर में करंट की चपेट में आने से बाल-बाल बच गया। आसपास मौजूद ग्रामीणों ने शोर मचाकर बालक को ट्रांसफॉर्मर से नहीं हटाते तो बड़ा हादसा हो सकता था। सूचना पर फतेहगंज पश्निमी सब स्टेशन से शटडाउन लेकर जगतपुर काशीराम की दलित बस्ती की सप्लाई बंद कर दी गई है। आपको बता दें कि हादसा रविवार की सुबह लगभग सात बजे का है। खिरका जगतपुर काशीराम निवासी सुखलाल वाल्मीकि का बालक रोजाना की तरह रविवार की सुबह भी गांव के पास श्मशान भूमि में अपने पालतू सुअर चरा रहा था। अचानक एक सुअर चरते-चरते श्मशान भूमि के सामने खिरका-सतुइया रोड पर लगे दलित बस्ती के ट्रांसफॉर्मर के पास जा पहुंचा और सपोर्टिंग रॉड में उतरे तेज करंट की चपेट में आकर बुरी तरह तड़पने लगा। बच्चा हड़बड़ी में तड़प रहे सुअर को बचाने के लिए आगे बढ़ा तो पास में ही अपनी हेयर कटिंग शॉप खोलने आए खिरका के सुधीर श्रीवास्तव और कुछ अन्य गांव वालों ने शोर मचा कर बच्चों को करंट प्रभावित रोड से दूर रहने को कहा, वरना बड़ा हादसा तय था। गांव वालों के फोन पर सब स्टेशन से फौरन शटडाउन लेकर बिजली आपूर्ति बंद की गई लेकिन तब तक दस हजार रुपये से ज्यादा कीमत के सुअर की तड़प-तड़पकर मौत हो चुकी थी। पशुपालक मरे सुअर को उठा ले गया। गांव वालों ने बताया कि करीब डेढ़ साल पहले इसी ट्रांसफॉर्मर की सपोर्टिंग रॉड में उतरे करंट की चपेट में आकर गांव खिरका के कश्यप बिरादरी के एक व्यक्ति की बकरी भी मर चुकी है। कई अन्य पालतू जानवर कुत्ते, सांड, नीलगाय भी इसी ट्रांसफॉर्मर के सपोर्टिंग रॉड की चपेट में आकर मर या बुरी तरह झुलस चुके है। हादसा होने पर बिजली कर्मी सपोर्टिंग रॉड में करंट उतरने की समस्या को दूर भी करते हैं लेकिन बरसात के मौसम में अक्सर इस रॉड पर करंट उतर ही आता है। ग्रामीणों ने बिजली विभाग के अधिकारियों से समस्या के स्थायी समाधान की मांग की है।।
बरेली से कपिल यादव