•ट्रकों, बसों में उपलब्ध कराया जा रहा है केरोसिन तेल
•कालाबाजारी कर वर्षों से सीमावर्ती राज्यों में भेजा जा रहा खाद्यान्न
रेणुकूट/सोनभद्र- नगर में सार्वजनिक वितरण प्रणाली व्यवस्था भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है धांधली और घटतौली से जहां कोटेदार और बिचौलियों की चांदी कट रही है वहीं गरीब परिवार सरकार की योजनाओं से मरहूम हो रहे हैं। परिक्षेत्र के कोटेदारों द्वारा बड़े पैमाने पर हेरा फेरी किया जा रहा है शासन द्वारा आवंटित राशन की दुकानों पर धांधली रोकने के लिए तरह-तरह के नियम बनाकर नकेल कसने का काम कर रही है लेकिन विभागीय मिलीभगत से कोटेदार उपभोक्ताओं के हितों से खिलवाड़ कर रहे हैं। अधिक दाम वसूलने और घटतौली को लेकर आए दिन उपभोक्ता और दुकानदार तू-तू,मैं-मैं करते देखे जा सकते हैं। उपभोक्ताओं की माने तो केरोसिन तेल में प्रति लीटर आठ से दस रूपये तक ज्यादा लिया जाता है जबकि यूनिट के हिसाब से प्रति कार्ड चार से पांच किलो राशन कम दिए जाने की बात आम हो गई है।शासन व प्रशासन स्तर पर खाद्यान्न वितरण में चोरी रोकने के लिए चाहे जितने प्रयास किए जा रहे हैं लेकिन खाद्य आपूर्ति विभाग एवं दुकानदार सरकार के कार्ययोजना पर पूरी तरह से पानी फेर रहे हैं। औद्योगिक परियोजनाओं की कालोनियों में कार्ड धारकों को कार्ड निरस्त होने या अन्य तरीके से डरा धमकाकर दुकानदार बायोमैट्रिक मशीन में अंगूठा लगवा उनके हिस्से का राशन गटक जा रहे हैं। शिकायत के बावजूद भी नगर परिक्षेत्र के अधिकांश कोटेदार इन करतूतों से बाज नहीं आ रहे। बताया गया कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली व्यवस्था में वर्षों से बिचौलियों का गिरोह भी सक्रिय है जो विभाग में ही सेटिंग करके गरीबों के हिस्से का खाद्यान्न बड़े पैमाने पर समीपवर्ती राज्यों में कालाबाजारी कर बड़ा मुनाफा कमा रहा है। कोटेदार उपभोक्ताओं को केरोसिन तेल देने में आनाकानी करता है जबकि बिचौलियों के माध्यम से बस,ट्रक मालिक केरोसिन तेल खरीद कर वाहनों को चलवा रहे हैं। नगरवासियों ने जिलाधिकारी से खाद्यान्न वितरण प्रणाली में धांधली रोकने एवं दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग की है।
रिपोर्ट-:सर्वेश सिंह रेणुकूट