बरेली। कोरोना महामारी से अब अस्पतालों ने डर का व्यापार शुरू कर दिया है। जिन हॉस्पिटल को कोविड हॉस्पिटल बनाया गया है। वहां पर ओपीडी की फीस बढ़ा दी गई है। वहीं वेंटिलेटर आदि के पैसे भी बढ़ा दिए गए हैं। जिस कारण संक्रमित परेशान होकर दर-दर भटकने के बाद अपने आप को होम आइसोलेट कर रहे है। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते प्रसार तथा संक्रमण को लेकर प्रशासन ने शहर के कुछ प्राइवेट अस्पतालों को कोविड अस्पताल का दर्जा दिया था। इन हॉस्पिटलों में कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज किया जा रहा है। बढ़ते संक्रमितो के कारण अस्पताल के आईसीयू बेड व वेंटिलेटर कम पड़ गए हैं। वहीं अस्पताल अब इसका फायदा उठाकर संक्रमित मरीज से मनमाने रुपए वसूल रहे हैं। सूत्रों की मानें तो जहां मरीज का पर्चा सात सौ रुपए में बनता था। अब मरीज से उसी ओपीडी के छह हजार रुपये वसूले जा रहे है। वहीं संक्रमित के पहुंचने पर तुरंत ही इलाज के नाम पर अस्पताल वाले 25 से 30 हजार तुरंत जमा करा ले रहे है। यहां तक कि मरीज से अन्य खर्चो के भी 10 दिन के हिसाब से 5,000 रुपए ले रहे है। इस तरह अस्पताल वाले मरीज को लूटने में लगे हैं। जिस कारण परिजन संक्रमित मरीज को अस्पताल की जगह घर मे आइसोलेट करने को मजबूर हैं। अगर किसी युवक की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आती है और वह युवक होम आइसोलेट होना चाहता है तो सबसे पहले डॉक्टर को इसकी सूचना दे। घर में कम से कम दो शौचालय हो। 24 घंटे संक्रमित की देखभाल करने वाला एक व्यक्ति हो। संक्रमित की देखभाल करने वाले का हमेशा डॉक्टर से संपर्क बना रहे। डॉक्टर के परामर्श के अनुसार उसका इलाज किया जाए।।
बरेली से कपिल यादव