कृष्णायन महाकाव्य पर विद्वानों की हुई गोष्ठी

आजमगढ़- श्रीमद्भागवत महापुराण के दशम स्कंध पर आधारित एवं अनुवादित पंडित सहदेव पांडेय सांकृत्यायन द्वारा रचित कृष्णायन महाकाव्य पर विश्रुत विद्वानों द्वारा चर्चा गोष्ठी का आयोजन श्री अग्रसेन महिला महाविद्यालय के सभागार में रविवार को किया गया है। मुख्य अतिथि मुख्य विकास अधिकारी मऊ आशुतोष कुमार द्विवेदी व विशिष्ट अतिथि भाजपा के संगठन मंत्री रामतेज पाण्डेय रहे। गोष्ठी की अध्यक्षता प्रख्यात संस्कृत के विद्वान आचार्य पंडित अमरनाथ पाण्डेय रहे। गोष्ठी का शुभारंभ अतिथिगणों के साथ महाविद्यालय की प्राचार्या निशा यादव व श्रीमती वन्दना द्विवेदी, अमरनाथ पांडेय, सहदेव पांडेय द्वारा सयुंक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर किया गया। मुख्यवक्ता के रूप में प्रो. वेदप्रकाश उपाध्याय ने कहा कि कृष्णायन एक अद्भुत हिंदी कृति है। मुख्य अतिथि आशुतोष कुमार द्विवेदी ने कहा कि कृष्णायन महाकाव्य समाज को नई दिशा प्रदान करेगा तथा भारतीय संस्कृति के उद्दत पक्षो से लोगों को परिचित कराएगा।
कार्यक्रम संयोजिका डॉ श्रीमति वंदना द्विवेदी ने कहा कि कृष्णायन महाकाव्य का उपजीव्य श्रीमद्भागवत महापुराण युगों-युगों तक अमर रहेगा। भारतीय संस्कृति की अस्मिता की संरक्षण होगी। कार्यक्रम का संचालन डॉ प्रदीप पाण्डेय ने किया।
अध्यक्षीय संबोधन में पंडित अमरनाथ पांडेय ने कहा कि श्रीमद्भागवत में कहा है कि जिसने श्रीमद्भागवत का रसपान कर लिया उसे किसी और अमृत को पान करने की आवश्यकता नहीं है।
वरिष्ठ मुख्य वक्ता संस्कृत विद्वान श्याम जी ने कहा कि श्रीमद्भागवत का दशम स्कन्ध पूरे भागवत का हृदय है। संस्कृत जन साधारण के लिए बोधगम्य नहीं थी किंतु इस अनुवाद रूपांतरण द्वारा यह साधारण जनों के लिए सुगम बनाये है।
इस अवसर पर डा योगेन्द्र तिवारी, डा शारदा सिंह, संतप्रसाद अग्रवाल, पारसनाथ गोवर्द्धन, विजय शंकर पांडेय, तारकेश्वर पांडेय, राकेश पांडेय, पंकज गौतम, डा मनोज द्विवेदी, जनमेजय पाठक, आद्याप्रकाश सिंह, पंकज, रंजीत राय आदि मौजूद रहे।

रिपोर्ट-राकेश वर्मा आजमगढ़

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