किसान के घर के दरवाजे से कुछ दूरी पर खड़ा था बाघ, ग्रामीणों का शोर सुनकर भागा बाघ

बरेली। थाना शीशगढ़ क्षेत्र में अभी तक दूसरा तेंदुआ होने का हंगामा था लेकिन सोमवार की रात को किसान ने वाघ होने का दावा करके वन विभाग में खलबली मचा दी है। किसान के दरवाजे से चंद कदम दूर वाघ खड़ा देखा तो किसान की चीख निकल गई। चीख सुनकर गांव के लोग इकट्ठे हो गए और बाघ को भगाने के लिए पूरा गांव एकजुट हो गया। सूचना पर पहुंचे वन विभाग के अधिकारी कि गांव वालों से जमकर नोकझोंक हो गई। वन विभाग के अधिकारियों की टीम ने गांव वालों की एक नहीं चलने दी और वापस लौट गई। कारी के मुताबिक सोमवार की रात करीब नौ बजे शीशगढ़ क्षेत्र के गांव खिजरपुर निवासी नन्हे ने दावा किया था कि रात में टॉर्च लेकर घर से बाहर निकल ही रहा था तभी घर के सामने दरवाजे से मात्र कुछ ही दूरी पर एक बाघ खड़ा था। टॉर्च की रोशनी जैसे ही वाघ पर पड़ी तो वाघ उसकी तरफ झपटा। वह भागकर घर में घुस गया। दरवाजा बंद कर छत पर पहुंचा और शोर मचाया। शोर सुनकर सैकड़ों ग्रामीण लाठी-डंडे, मशाल लेकर दौड़ पड़े। शोर सुनकर बाघ खेतों में भाग गया। ग्रामीणों ने सूचना रात में ही वन विभाग और पुलिस को दी। पुलिस रात में ही मौके पर पहुंच गई। वन विभाग की टीम ने रात होने के कारण बाघ की तलाश को अधिक दिलचस्पी नहीं दिखाई और ग्रामीणों को सावधानी का पाठ पढ़ा कर लौट गई। वन विभाग की टीम मंगलवार की सुबह आठ बजे गांव में फिर पहुंची ग्रामीणों ने खेत में बने भाग के पद चिन्ह दिखाएं और पगचिह्न दिखाते हुए ग्रामीणों ने जैसे ही वन कर्मियों के फोटो लेने चाहे तो उन्हें वन कर्मियों ने हड़का दिया और फोटो भी नहीं लेने दिए। गांव के प्रेमशंकर, रवि, बुध्दसेन, मुजाहिद, शहजादे लाला आदि ने बताया कि मंगलवार की सुबह आठ बजे वन विभाग के दो कर्मचारी पहुंचे थे। वन विभाग के कर्मचारी को नन्हे पर झपटने वाले बाघ की पहचान बताई। बाघ के जिस्म पर धारियां थी और उसके पगचिह्न भी दिखाए। वन विभाग के कर्मचारियों ने हड़काते हुए कहा कि तुम गांव वाले बेवजह शोर मचा रहे हो यह पग चिन्ह ने तो कुत्ते का है वाघ का नहीं है। अभी तक तेंदुआ का शोर कर रहे थे अब रात से बाघ दिखने का शोर कर रहे हो। वन विभाग के रेंजर रविंद्र सक्सेना ने बताया कि गांव वाले रोज नया तमाशा कर रहे है। शाम ढलते ही तेंदुआ और बाघ का शोर मचा देते हैं जबकि रात में घरों में रहने की हिदायत दी गई। उत्तराखंड के बॉर्डर का एरिया है। तेंदुआ वाघ कभी भी आ सकता है ऐसे में किसी के साथ कोई अनहोनी हो गई तो कौन जिम्मेदार होगा। अब हमें रात में गांव में टहलता हुआ कोई भी व्यक्ति मिला तो उस पर कार्यवाई की जाएगी।।

बरेली से कपिल यादव

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