कान्हाजी, अब तो माखण खाओ सा :पुलिस पहरो के चलते भक्तों ने घरों में की पूजा अर्चना

बाड़मेर/ राजस्थान- कृष्णा जन्माष्टमी पर गोविंद, कान्हा, और उनके भक्तों की दूरी कोरोना भड़भड़ी के कारण दूसरे साल भी जारी है। इस बार भी मंदिरों में किसी भी तरह का भव्य आयोजन नहीं किया गया है क्योंकि भक्तों को एंट्री नहीं दी जा रही है। लाखों की संख्या में आने वाले भक्तों और गोविंद के बीच इस बार भी पुलिस का सख्त पहरा मौजूद है और यह पहरा पिछली साल की तुलना में कहीं ज्यादा सख्त दिखाई दे रहा है। इस बार त्रिस्तरीय सुरक्षा बंदोबस्त किए गए हैं। जयपुर के गोविंद देव जी के मंदिर ही नहीं शहर में अन्य गोविंद मंदिरों में भी सुरक्षा बंदोबस्त कड़े है। कोरोना भड़भड़ी के चलते भक्तों को भगवान के पास जाने से रोका जा रहा है।

जयपुर पुलिस कमिश्नरेट के अधिकारियों का कहना है कि सरकार की गाइडलाइन के अनुसार प्रदेश में लगभग सभी बड़े मेले, आयोजन और भीड़-भाड़ जमा होने के अवसरों पर पहरा लगाया गया है। पिछले दिनों मुहर्रम का जूलूस बंद किया गया था और अब जन्माष्टमी पर गोविंद देव जी के मंदिर को किले की तरह अभेद किया गया है। मंदिर के अंदर, बाहर और दोनो एंट्री गेटों के आस पास बाजारों एवं गलियों में पुलिस का पहरा लगा हुआ है।

हथियारबंद पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। सवेरे करीब पांच सौ से ज्यादा पुलिकसर्मी लगाए गए हैं और इनकी संख्या शाम के समय दोगुनी कर दी जाएगी। रात के समय जब श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाएगा उस दौरान और ज्यादा पुलिस बंदोबस्त होगा। अधिकारियों ने बताया कि आज और कल यह बंदोबस्त किया गया है ताकि भीड़ को काबू किया जा सके और भक्तों को होने वाली परेशानी से बचाया जा सके।

जयपुर के गोविंद देव जी मंदिर के साथ ही गोपीनाथ मंदिर, अक्ष्य पात्र मंदिर, वैशाली नगर स्थित राधास्वामी मंदिर समेत प्रदेश के अन्य कृष्ण मंदिरों में भी भारी पुलिस बंदोबस्त किया गया है। फिर चाहे खाटू वाले श्याम जी हों या फिर नाथद्वारा के द्वारकाधीश, हर बड़े मंदिर में जहां भीड़ जमा होने एवं बड़े आयोजन होते हैं वहां पर पुलिस ने सख्ती कर सभी आयोजनों को बंद कर दिया है। सभी जगहों पर भगवान के आनलाइन दर्शनों का बंदोबस्त किया गया है।

– राजस्थान से राजूचारण

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