लखीमपुर खीरी – न शौचालय न आवास, नाली खड़ज्जा कागजो पर बनाकर प्रधान खुद को मालामाल कर रहे है। कागजों पर इंटरलॉकिंग कार्य दिखा कई लाख का गबन पर आज भी नारकीय जीवन जीने को विवश हो रहे है ग्रामीण।योगी सरकार चाहे जितने प्रयास कर ले लेकिन जनपद लखीमपुर खीरी की ग्राम पंचायतों की तस्वीर आज भी जस की तस बनी हुई है,यह जनपद खीरी के आला अफसरों के भ्रष्ट आचरण के चलते ही हो रहा है।
जानकारी के अनुसार सरकारी योजनाओं को अमल में लाने तथा इन योजनाओं के सफल संचालन कराने की जिम्मेदारी संभालने वाले अधिकारी व इसकी निगरानी को नियुक्त अधिकारी ही जब इनको अपनी कमाई का जरिया समझने लगेंगे।तो योजनाओं का सफल संचालन लाभ आम गरीब तबके के लोगों तक कैसे पहुंचेगा। यही कारण है कि आज आजादी के दशकों बाद भी गांवों की तस्वीर हकीकत के धरातल पर जस की तस बनी हुई है।
सरकार ग्रामीण अंचल के विकास के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत को प्रतिवर्ष कई-कई लाख रुपए का बजट आवंटित करते हैं और जहां गरीब निर्बल वर्ग के लोगों के जीवन स्तर को सुधारने संवारने की मंशा से अनेकों अति महत्वपूर्ण योजनाएं संचालित । वहीं वास्तविकता जनपद में कुछ और ही है।
रिपोर्टिंग – हसन जाज़िब आब्दी