बरेली। आला हजरत खानदान के बुजुर्ग मुफ्ती तहसीन रजा खां के 15वें उर्स के पहले दिन इशा की नमाज के बाद तरही नातिया मुशायरा हुआ। आखिर में साहिब-ए-सज्जादा मौलाना हस्सान रजा खां नूरी ने दुआ की। उससे पहले सुबह से ही दरगाह पर अकीदतमंद चादरपोशी करने के लिए पहुंचते रहे। उर्स के पहले दिन की शुरूआत फज्र की नमाज के बाद कलाम-ए-पाक की तिलावत से हुई। जामिया तहसीनिया जियाउल उलूम के उस्ताद मौलाना शकील मिस्बाही और मदरसे के छात्रों ने कुरआनख्वानी की। इसके बाद गुलपोशी का सिलसिला शुरू हुआ। दरगाह तहसीनी के प्रवक्ता सगीर उद्दीन नूरी ने बताया कि मौलाना सफवान रजा खां और मौलाना अमान रजा खां के साथ दरगाह तहसीनी पर चादरपोशी और गुलपोशी कर खिराजे अकीदत पेश की गई। शाम को मगरिब की नमाज के बाद हलका-ए-जिक्र हुआ। रात में मुशायरे का आगाªज हुआ, जिसकी सरपरस्ती साहिबे सज्जादा मौलाना हस्सान रजा खां नूरी ने की। इस मौके पर मौलाना सगीर अख्तर, अम्न बरेलवी, नवाब अख्तर ने कलाम पेश किए। मुशायरे का संचालन मौलाना नाजिर रजा और हाजी इसरार नसीमी ने किया। उन्होंने बताया कि शनिवार को दोपहर को चादरों का जुलूस दरगाह पर हाजिरी देगा। उलेमा की तकरीर होंगी।।
बरेली से कपिल यादव