उफान पर गंगा गोमती के रौद्र रूप से रिहायशी इलाकों सहित कई गांवों में घुसा बाढ़ का पानी

*सामाजिक कार्यकर्ताओं के दल के साथ AV News की टीम ने बाढ़ग्रस्त इलाकों का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया

वाराणसी/गाज़ीपुर- वाराणसी/गाजीपुर में गंगा, गोमती नदी के रौद्र रूप के बाद खतरे के निशान को पार कर गई है. बाढ़ के कारण रिहायशी इलाकों और कई गांवों में पानी घुसने लगा है. इस वजह से सैकड़ों घर डूब रहे हैं. गाजीपुर और वाराणसी सीमा में भी गंगा नदी उफान पर है और सैकड़ों गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं।
गाजीपुर-वाराणसी में गंगा उफान पर निचले इलाके पानी में डूबे हजारों की संख्या में लोगों का पलायन शुरू कर दिए है।
गंगा गोमती संगम के पास के वाराणसी और गाजीपुर जिलों के लगभग एक दर्जन गाँव बाढ़ से प्रभावित हो गये। इस इलाके की करीब 20 हजार की तटीय आबादी बाढ़ से त्रस्त हो गयी है. वाराणसी के विभिन्न सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ताओं ने इलाके में जाकर सर्वेक्षण किया और मौकेपर की स्थिति जानी। जिसमे कैथी,तीयर बस्ती, राजवारी की अनुसूचित बस्ती में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. वही वाराणसी जिले पिपरी, लक्ष्मीसेनपुर और टेकुरी गाँव का सम्पर्क पूरी तरह समाप्त हो गया है। कुर्सिया में भी स्थिति गम्भीर है. वहीँ गाजीपुर जिले के गौरहट, तेतारपुर, कुसही, खरौना आदि गाँवो में चारो तरफ से पानी प्रवेश कर चुका है।
इन गावों में प्रशासन द्वारा नाव की व्यवस्था की गयी है
जो लोगों को आस पास के बाजारों तक आने जाने के लिए सुलभ हो रही है. किन्तु अभी दुश्वारियां बहुत हैं. सबसे अधिक दिक्कत पशुओं के चारे की हो रही है, हरे चारे की फसल पूरी तरह डूब गयी है, गाँव में भूंसे की व्यापक कमी हो गयी है. संक्रामक बीमारियों के भी फैलने का खतरा है. बाढ के कारण जहरीले सांप, विच्छू जैसे जहरीले जंतुओं ने भी रहायशी इलाके में शरण ले ली है जिससे लोगो और पालतू जानवरों को खतरा है.AV News एवं
सर्वेक्षण दल ने पाया कि गंगा गोमती इलाके के गाँवों में तत्काल स्वास्थ्य सेवायें उपलब्ध कराने की जरूरत है, पशुओं के चारे और अधिक प्रभावित लोगों के लिए अस्थायी शेल्टर हाउस की जरूरत है. सामाजिक कार्यकर्ताओं के दल में विनय कुमार सिंह, राजकुमार गुप्ता, वल्लभाचार्य पाण्डेय, प्रदीप सिंह, उमाशंकर आदि शामिल रहे।

रिपोर्टर:-महेश पाण्डेय के साथ (राजकुमार गुप्ता) वाराणसी

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