उत्तराखंड! ग्राम सभा नावेतली रिखणीखाल से सुविधाओं के अभाव से हाे रहा पलायन

उत्तराखंड: जनपद पाैडी गढ़वाल के विकासखंड रिखणीखाल ग्राम नावेतली का एक परिचय ग्राम पंचायत नावेतली 4 गांव की एक पंचायत है जिसमें नावेतली नावे मल्ली टाडियो और गवाणा आते हैं भडू खाल नावेतली का ही हिस्सा है ग्राम नावेतली का क्षेत्रफल फैला हुआ है यह दूवारी गवाना नावेमली टाडियो चैवाडा सिलगांव आदि गांव से चारों ओर से घिरा है तृतीय पंचवर्षीय योजना 1961 से 1966 में ग्राम सभा की कुल जनसंख्या मात्र 309 व्यक्ति थी नावेतली में 119 व्यक्ति नावेमली 95आदमी गवणा और टांडियो में भी 95 व्यक्ति थे संपूर्ण भू भाग में सिंचित क्षेत्रफल नावेतली का 127 नाली है नावेमली 65 नाली गवाणा और टांडियो 110 नाली है कुल भूभाग जिस पर खेती होती थी नावेतली में 3648 नावेमली में 1718 नाली गवाना टाडियो में 1298 नाली भूमि है यहां का डाकघर कई वर्षों से दुवारी है परगना तल्ला सलाण है जिसे वर्तमान में लैंसडौन के नाम से जाना जाता है रिखणीखाल ब्लॉक में सबसे ज्यादा भूमि द्वारी झरत और करतिया और नावेतली में है आजादी के बाद से अभी तक इस ग्राम सभा में प्रधान स्वर्गीय आलम सिंह रावत 1955 से 1972 तक उमेद सिंह 1972 से 1977 तक स्वर्गीय विशन सिंह 1982 से 1997 तक स्वर्गीय श्रीमती घुघरी देवी 1997 से 2002तक श्रीमती दिक्का देवी 2002 से 2007 तक बालम सिंह रावत 2007 से 2014 तक एवं वर्तमान में श्रीमती मनोती देवी हैं साधारण तौर पर इस गांव को तल्ला गाॅव से भी जाना जाता है यह गांव बहुत पुराना है इसका अभी तक यह पता नहीं है कि कितना पुराना है गांव के नजदीक 2 किलोमीटर दूरी पर धमधार नदी बहती है यह सिर्फ बरसात तक ही सीमित है आगे चलकर खदरासी के पास मंदाल नदी तथा काली नदी मे मिलती है गांव के आगे विशालकाय पर्वतमाला है जिस तिमलाढौर नाम से जाना जाता है पौराणिक काल में महरकोट में भी यहां के लोग घर बनाकर रहते थे जो कि वर्तमान नावेतली से लगभग 4 किलोमीटर दूर है इसे अलग गांव के नाम से जाना जाता है इस गांव में कोईराला रावत पटवाल गुसाईं कुकलियाल रावत जाति के लोग रहते हैं यहां पर भैरो चित्तौड़ सिद्ध प्राचीन काल से पूजे जाते हैं यहां पर गेहूं धान जौ मंडुवा झंगोरा कौणी सरसों उड़द भट्ट छीमी ओगल अदरक हल्दी मिर्च यहां की मुख्य फसलें हैं बरसाती सीजन में तरकारी भी विभिन्न प्रकार की पाई जाती है जैसे मूला ककड़ी गोदड़ी कद्दू लौकी करेला भिंडी बेंगन अन्य 52 प्रकार की खेती होती है जैसे जैसे समय बीतता गया सब लुप्त होती जा रही है अब मुख्य भोजन सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान पर निर्भर है और रोजगार के नाम पर मनरेगा आदि हैं

ग्राम सभा नावेतली विकासखंड के बारे में संक्षिप्त विवरण पर एक नजर यहां पर निम्न असुविधाएं हैं
1.सड़क मार्ग से गांव की दूरी 3 किलोमीटर दूर है
2. गांव में पेयजल की भारी किल्लत है
3. संचार नेटवर्क शून्य है एक भारत संचार निगम लिमिटेड का टावर शो पीस के लिए शतगरिया में स्थित है जो कि अभी तक चालू नहीं हुआ है
4. जंगली जानवर एवं पक्षियों का भारी जमावड़ा है फसल को भारी नुकसान पहुंचाते हैं
5. कानून व्यवस्था एवं भूमि संबंधी दस्तावेज बनाने के लिए राजस्व पटवारी क्षेत्र गांव से 10 किलोमीटर दूर है
6. सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान भी 5 किलोमीटर दूर है
7. माध्यमिक एवं इंटर कॉलेज 5 किलोमीटर दूर है
8. बैंक और उससे संबंधित ATM 25 किलो मीटर से कम दूरी पर नहीं है
9. ब्लॉक मुख्यालय 30 किलोमीटर तहसील मुख्यालय लैंसडाउन 90 किलोमीटर से अधिक दूरी पर है
10. यातायात सुविधा के नाम पर दिन भर में एक बस कोटद्वार से और एक बस रामनगर से केवल द्वारी गांव तक उपलब्ध है
11. गांव में 45 परिवार हैं जिसमें से 15 परिवार मूलभूत असुविधाओं को देखते हुए पलायन कर चुके हैं
12. बेरोजगारी चरम पर है लगभग 30 लड़के दिल्ली एवं एनसीआर क्षेत्र में अपना समय काट रहे हैं
13. प्रार्थमिक विद्यालय गांव में ही है लेकिन शैक्षिक गुणवत्ता के अभाव में वहां पर छात्र संख्या 6 पर सिमट गई है
14. स्नातकोत्तर महाविद्यालय 30 किलोमीटर दूर है जहां लड़कियों का जाना मुश्किल होता है
15. मतदान केंद्र भी 5 किलोमीटर दूर है जहां वृद्ध महिला एवं पुरुषों का उतार-चढ़ाव रास्ते के कारण जाना मुश्किल है
16. विद्युत शिकायत केंद्र एवं बिल जमा करने का स्थान भी 15 किलोमीटर दूर है आने जाने में धन एवं समय की बर्बादी होती है
17. गैस वितरण केंद्र भी 12 किलोमीटर से अधिक दूर है अतिरिक्त किराया भाड़ा पड़ता है सिर में उठाकर या खच्चर से लाना पड़ता है अकेले व्यक्ति के लिए मुश्किल हो जाता है
18. निवास प्रमाण पत्र या अन्य प्रमाण पत्र भी लैंसडौन जाकर ही पूरा समय बर्बाद करने में हो जाता है
19. मुख्य चिकित्सा केंद्र या राजकीय चिकित्सालय कोटद्वार के अलावा अन्य कहीं नहीं है
अंत में मेरा एवं गांव वालों का उत्तराखंड सरकार से एवं प्रशासन से अनुरोध है कि कृपया बिंदुवार समस्याओं का अध्ययन कर इनको सुलझाने की कृपा करें..

इस समस्या के निदान के लिए गाँव वासियाें द्वारा सरकार को कई बार सूचित किया जा चुका है परंतु शायद इस गाँव वासियाें की आवाज सरकार तक नही पहुँचती क्षेत्रीय विधायक दिलीप रावत काे भी कई बार कहा जा चुका है।
सुविधाओं के अभाव में अब गाँव से लगातार पलायन हाे रहा है पूरे रिखणीखाल क्षेत्र में सबसे बडी समस्या सडक व चिकित्सा फाेन संचार की है।

-पौड़ी से इन्द्रजीत सिंह असवाल की रिपोर्ट

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

किसी भी समाचार से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है।समाचार का पूर्ण उत्तरदायित्व लेखक का ही होगा। विवाद की स्थिति में न्याय क्षेत्र बरेली होगा।