पौड़ी गढ़वाल- उत्तराखंड जनपद देहरादून में यूकेडी ने कहा कि गुजरात मैं जो भी हिंसक घटना घटित हुई वो अत्यंत दुखद और दुर्भग्यपूर्ण है । किन्तु प्रश्न यह है कि ये हालात क्यों बने ? जब किसी भी प्रदेश सरकार की दिशाहीन नीतिओं के चलते प्रदेश संसाधनों पर बाहरी प्रदेश से आये लोगों का अधिपत्य बढ़ जाये एवं प्रदेश के युवाओं के अधिकार चाहे वो रोज़गार से जुड़ें हो या फिर अन्य क्षेत्रों से शोषण होना प्रारम्भ होता है ,और यही इस तरह के उन्माद का आधार भी है । केंद्र एवं प्रदेश सरकार उत्तराखंड की नीतिओं के चलते आज प्रदेश का युवा दुखी है ,कुंठित है ।प्रदेश में हाल के समय में बेटिओं एवं महिलाओं के साथ कोई दुर्भग्यपूर्ण घटनाये सामने आई जिनमें ज्यातर घटनाओं में बाहरी राज्यों से आये व्यक्ति सम्मलित थे ।इस घटनाओं के कारण देवभूमि शर्मसार हुई और उससे भी ज्यादा दुर्भग्यपूर्ण सरकार का इस घटनाओं पर मूक रहना रहा ।आज रोज़गार के नाम पर सरकारी नौकरी ना के बराबर है और प्राइवेट सेक्टर मैं भी ज्यातर बाहर से लोगो का वर्चस्व्य है और उत्तराखंडी प्रदेश से पलायन को मजबूर है । उक्रांद प्रदेश सरकार से मांग करता है की प्रदेश मैं रोज़गार का जहाँ भी सृजन हो रहा है प्राइवेट फैक्ट्री प्राइवेट कॉलेज , होटल , मॉल या फिर निर्माण कारीसंस्थाएँ समस्त क्षेत्रों में सरकार उत्तराखंड के युवा के लिए सशक्त नीति बनाकर रोज़गार सुनिश्चित करे । इसके इलावा इन्वेस्टर मीट में MOU के माध्यम से जो कार्य प्रदेश में होने सुनिश्चित हुए ,उनमें भी उत्तराखंड वासिओं की महत्वपूर्ण भागीदारी हो । प्रदेश में रोज़गार की स्थित किसी आपातकाल से कम नहीं । युवा उक्रांद ये मांग करता है की बाहरी प्रदेशों से आये व्यक्तिओं का सत्यापन हो एवं बाहारिओं को रोज़गार के अवसर देने पर रोक लगे तथा उत्तराखंड के युवा को रोज़गार का अवसर प्रदान करे ।सरकार ने समय रहते रोज़गार एवं सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम नहीं उठाये तो आने वाले समय में उत्तराखंड के अंदर भी गुजरात एवं महाराष्ट्र की तरह के हालात बनते दिखेंगे।
– पौड़ी से इन्द्रजीत सिंह असवाल