उत्तराखंड/टिहरी गढ़वाल- कीर्तिनगर ब्लॉक के मध्य पट्टी अकरी बारजुला को केंद्र बना कर खोला गया प्रथमिक स्वास्थ्य केंद्र न्यूली अकरी में सात बेड वाला अस्पताल है जहाँ सरकार की व्यवस्था है कि मरीजो को भर्ती तथा सभी तरह की बीमारियों का इलाज हो सके ताकि मरीजों को इलाज के लिए श्रीनगर और कीर्ति नगर न जाना पड़े । किन्तु यहाँ ऐसा नहीं है यहाँ न तो डॉक्टर है और न नर्स व कंपाउंडर । चौकी दार दरवाजा खोल कर बैठे है और मरीज परेशान है । हाल ही में माननीय विधायक जी ने यहाँ एक महिला डॉक्टर को भेजा था किंतु वह भी उपनल के जरिये नियुक्ति वाली निकली खैर जैसी भी थी लेकिन अस्पताल में मौजूद रहती तो भी ठीक था मगर डॉक्टर साहिबा अस्पताल के कम देहरादून के ज्यादा चक्कर लगा रही है । इस स्वास्थ्य केंद्र में न डॉक्टर उपस्थित रहता है न दवा, वैसे तो नियुक्ति के आधार पर यहां 4 लोगो का स्टाफ है लेकिन हमेशा चौकीदार दरवाजा खोल कर बैठ जाता है और मरीज डॉक्टर के इंतजार में बैठे रहते है । ग्रामीण न तो बाजार मुख्य चिकित्सालय जा पाते और न इस स्वास्थ्य केंद्र में अपनी बीमारियों का इलाज पाते है । साफ शब्दों में कहें तो यह स्वास्थ्य केंद्र मात्र उपस्थिति दर्ज कराने तक सीमित है । एक तो पहाड़ की दूभर परिस्थितियां और उस पर स्वास्थ्य केंद्रों के ऐसे हालात, नतीजन सर्दी जुखाम जैसी बीमारियों के लिए दवा लेने के लिए भी ग्रामीणों को कीर्तिनगर और श्रीनगर की दौड़ लगानी पड़ती है । लगता है सरकारें भी शराब और खनन तक ही सीमित है मूलभूत आवश्यकताओ पर किसी हुक्मरान की नजर नहीं पहुंचती। 17 साल में भी पहाड़वासी स्वास्थ्य जैसे मूलभूत जरूरत के लिए तरस रहे हैं । लाख कोशिशों के बावजूद भी स्वास्थ्य विभाग डॉक्टरों को पहाड़ चढ़ाने में नाकाम सिद्ध हो रहा है ।
डागर अकरी बारजुला संघर्ष समिति के अध्यक्ष श्री नंदकिशोर लखेड़ा ने कहा कि यदि इसी प्रकारस्वास्थ्य विभाग की लापरवाही रहेगी तो तुरंत ही मुख्य चिकित्साधिकारी को संज्ञान में लिया जायेगा ।
संजय चौहान,अंतिम विकल्प न्यूज़