बरेली। बेसिक शिक्षा विभाग में इस सत्र कई अभिभावकों ने आरटीई यानी शिक्षा का अधिकार के तहत अपने बच्चों का प्रवेश के लिए आवेदन कराया है। अब विभाग इन नियम के तहत हुए आवेदनों की पूरी छानबीन करेगा। इसी के बाद ही अभ्यर्थियों को इसके तहत मिलने वाले प्रवेश का लाभ मिल सकेगा। बेसिक शिक्षा विभाग में सभी आवेदनों के लाभार्थियों के प्रवेश की जांच शुरू कर दी है। विभाग इस बात की जांच करेगा कि यह गरीब है या कोठी वाले। क्योंकि कई बार ऐसे लोग भी आरटीई के तहत प्रवेश पा लेते हैं जो कि आर्थिक रूप से सक्षम होते हैं। आरटीई में प्रवेश के बाद बच्चों की पढ़ाई का खर्च शासन द्वारा होता है। इसी बात का फायदा पाकर कई ऐसे सक्षम लोग भी अपने बच्चों का प्रवेश इस नियम के तहत करा देते हैं। विभाग की मिलीभगत होने के कारण पात्र लोगों को इस योजना का लाभ नहीं मिल पाता और हर साल सैकड़ों निर्धन परिवार के बच्चे को शिक्षा का अधिकार नहीं मिल पाता। बता दें कि बेसिक शिक्षा विभाग पर पहले भी सवाल उठते रहे हैं क्योंकि हर साल आरटीई के प्रवेश की लिस्ट बीएसए ऑफिस से फाइनल होती है। विभाग के बाबू अपने चहेते लोगों के आवेदन को पहले ही मार्क कर देते हैं। इस कारण निर्धन परिवार के बच्चों को आरटीई के तहत प्रवेश का लाभ नहीं मिल पाता। शासन की ओर से आरटीई के तहत शिक्षा का अधिकार सिर्फ निर्धन अभिभावकों के बच्चों के लिए है। क्योंकि शहर के इंग्लिश मीडियम स्कूलों में उनके बच्चों का प्रवेश आसानी से नहीं होता है। इसलिए शासन ने आरटीआई के तहत प्रवेश कराने के लिए सभी बोर्ड के स्कूलों में कुछ सीटें हमेशा खाली रखने के लिए निर्देश दिए हैं। ताकि निर्धन परिवार के बच्चों का प्रवेश आसानी से हो सके। ऐसे बच्चों की पढ़ाई का पूरा खर्च शासन की ओर से होता है।।
बरेली से कपिल यादव