चंडीगढ़/हरियाणा- रोडवेज में आउटसोर्सिंग पर लगे प्रदेश के करीब 450 कर्मचारियों काे नौकरी से निकालने के अादेश दिए गए हैं। चंडीगढ़ से सभी डिपो के जीएम के पास लेटर पहुंच गए हैं। पत्र के अनुसार तुरंत प्रभाव से जीएम ने कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त करने की लिस्ट बना ली है। उनकी कागजी प्रक्रिया में लगे हैं। सोनीपत डिपो से 36 कर्मचारियों काे निकाल दिया गया है। करनाल डिपो से भी 16 ड्राइवरों पर गाज गिरनी तय है। प्रदेशभर में आउटसोर्सिंग में 325 ड्राइवर और करीब 150 कर्मचारी वर्कशॉप में लगे हैं। इनके निकालने से स्टाफ के अभाव का सामना कर रहे विभाग की सर्विस पर सीधे तौर पर असर पड़ेगा। बस सर्विस कम हो जाएगी और वर्कशॉप में बसों का कार्य भी टाइम पर नहीं होगा। ऑल हरियाणा रोडवेज वर्कर्स यूनियन ने इस पत्र के विरोध में आ गए हैं। यूनियन के वरिष्ठ राज्य उपप्रधान सुरेश कुमार लाठा का कहना है कि आज कुरुक्षेत्र में आयोजित प्रदेश स्तर की मीटिंग में हड़ताल का फैसला लिया जा सकता है। कर्मचारियों की नौकरी छीनना किसी कीमत पर सहन नहीं किया जाएगा। पब्लिक को मौजूदा टाइम पर बेहतर सर्विस नहीं दी जा रही है। ड्राइवरों के निकालने पर बसें खड़ी हो जाएंगी। रोडवेज कर्मचारी यूनियन हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह धनखड़ ने कहा कि प्रदेश में अभी 6600 चालक हैं, जबकि नाॅर्म के अनुसार 7500 की जरूरत है। अभी भी 900 पद खाली हैं। इसके अलावा हर महीने 40 से 50 चालक रिटायर भी हो रहे हैं। इसलिए पक्की भर्ती होने तक सरकार इन्हें ड्यूटी पर रखे और भर्ती में इन्हंे वरीयता दी जाएगी। धनखड़ ने कहा कि इस मामले को लेकर चंडीगढ़ में उच्चाधिकारियों से बात की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में आउटसोर्सिंग पर 365 चालक हैं। इनमें 55 ने पहले ही हाईकोर्ट से स्टे लिया हुआ है।